Saturday, April 26, 2025

भारत-पाक के बीच द्विपक्षीय वार्ता आवश्यक, लेकिन पहले आतंकवाद रोके पाकिस्तान- कर्ण सिंह

नई दिल्ली। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर बातचीत होनी चाहिए। बिलावल भुट्टो के इस बयान का कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने स्वागत किया है। इसके साथ ही उन्होंने आतंकवाद खत्म करने की नसीहत भी दी।

 

कर्ण सिंह ने कहा, “बिलावल भुट्टो ने हाल ही में कहा है कि भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता आवश्यक है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, खासकर जब दो पड़ोसी देशों के बीच संबंधों की बात हो। उनकी यह बात बेहद समझदारी भरी है, क्योंकि अच्छे संबंध स्थापित करने के लिए बातचीत करना अनिवार्य है। मैं उनके इस दृष्टिकोण का स्वागत करता हूं। यह स्पष्ट है कि यदि पाकिस्तान भारत के साथ सकारात्मक संबंध बनाएगा, तो दोनों देशों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।”

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उन्होंने आगे कहा, “हालांकि, एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियां समाप्त नहीं करता, तब तक बातचीत की कोई सार्थकता नहीं होगी। आतंकवाद के मुद्दे को सुलझाए बिना बातचीत आगे नहीं बढ़ सकती। मैं भी चाहता हूं कि पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते हों, क्योंकि पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना आवश्यक है। लेकिन आतंकवाद की समस्या इस प्रक्रिया को बाधित कर रही है। इसलिए मैं बिलावल भुट्टो से कहना चाहूंगा कि यदि वे आतंकवाद को समाप्त कर दें, तो भारत से बातचीत संभव हो सकती है।”

 

 

 

जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने और कांग्रेस द्वारा बाहर से समर्थन देने पर उन्होंने कहा, “मुझे इस बात से खुशी है कि वहां चुनाव सफलतापूर्वक हुए, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष रहे और बिना किसी बड़ी दुर्घटना के संपन्न हुए। यह एक महत्वपूर्ण घटना है, क्योंकि यह पिछले दस वर्षों में पहली बार हुआ है। नेशनल कांफ्रेंस ने इस चुनाव में अच्छी संख्या में सीटें हासिल की हैं, जबकि कांग्रेस को केवल छह सीटें मिली हैं।

 

 

 

 

कांग्रेस ने यह निर्णय लिया कि वे बाहर से समर्थन देंगे, जो इस स्थिति में ठीक है। यदि सरकार अच्छी हो और लोगों के लिए काम करे, तो यह आवश्यक है कि सरकार चले। लोग लंबे समय से इस चुनाव का इंतज़ार कर रहे थे, और अब वे राज्य का दर्जा भी शीघ्र मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।” प्रियंका गांधी की वायनाड से चुनाव लड़ने की घोषणा पर उन्होंने कहा कि मैं सकारात्मक हूं। प्रियंका और राहुल गांधी को मैं बचपन से देखता आया हूं, और मुझे खुशी है कि प्रियंका सक्रिय राजनीति में कदम रख रही हैं। वह एक अच्छी वक्ता हैं और राजनीति में सक्रियता रखती हैं। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।

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