Sunday, May 19, 2024

विभाजन विभीषिक स्मृति दिवस पर भाजपा ने निकाला मौन जुलूस, मंत्रियों संग पालिका अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप भी रहीं शामिल

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मुजफ्फरनगर। भारत की आजादी के साथ ही देश को मिले विभाजन के दर्द से जनता को जोड़ने के लिए सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के द्वारा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया गया। इस दौरान गांधी कालौनी में विभाजन के दौरान अपने प्राणेत्सर्ग करने वाले लोगों को याद करते हुए उनको श्रद्धाजलि दी गई तो वहीं संगोष्ठी में विभाजन का दर्द सहने वाले परिवारों के लोगों को भारत माता का चित्र देकर सम्मानित किया गया।

भाजपा द्वारा सोमवार को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर गांधी कालोनी स्थित गुरू गोबिंद सिंह पब्लिक स्कूल से विभाजन के दौरान प्राणोत्सर्ग करने वाले भारतीयों के लिए मौन जुलूस निकाला गया। यह जुलूस गांधी वाटिका में पहुंचकर समाप्त हुआ। मुख्य अतिथि प्रभारी एवं ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेन्द्र तोमर, केंद्रीय राज्यमंत्री डाॅ. संजीव बालियान, मंत्री स्वतंत्र प्रभारी कपिल देव अग्रवाल, एमएलसी वन्दना वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष डाॅ. वीरपाल निर्वाल, नगरपालिका चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप, जिला प्रभारी सूर्यप्रकाश पाल, जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला ने भारत माता की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर यहां आयोजित विभाजन चित्र प्रदर्शनी और संगोष्ठी का शुभारंभ किया।

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प्रभारी मंत्री सोमेन्द्र तोमर ने कहा कि सोने की चिड़िया कहलाने वाली भारत भूमि का धर्म के आधार पर सन् 1947 में विभाजन एक ऐसी विभीषिका है, जिसका दर्द करोड़ों हृदयों में आज तक भी ताजा है। भारतीय इतिहास का यह काला अध्याय उस समय अनगिनत लोगों के विस्थापन, दंगों और मृत्यु का कारण बना था। आज हम यहां उनको श्र(ांजलि और सम्मान देने के लिए एकजुट हुए हैं।

केन्द्रीय राज्यमंत्री डाॅ. संजीव बालियान ने कहा कि यह विभाजन वास्तव में मानव जगत के लिए एक बड़ी विभीषिका ही था। जिन लोगों ने उसको देखा और अपनों को खोया, वो ही इसका दर्द महसूस कर सकते हैं। हम केवल उस दर्द में उनके साथ खड़े होकर उन दंगों का अहसास मात्र कर ही चिंतित होते हैं। भाजपा ने उन परिवारों के दर्द को समझा और उनको सम्मान देने का काम किया। मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता और बंटवारे में विस्थापित होने वाले और अपनी जान गंवाने वाले हमारे भाइयों और बहनों के संघर्ष और बलिदान की याद में हम इस दिन को विभाषिका स्मृति दिवस के रूप में मना रहे हैं। आज पूरा देश विभाजन के समय बलिदान हुए सभी भारतीयों को श्र(ांजलि दे रहा है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए नगरपालिका परिषद् की अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप ने कहा कि आज पूरे भारतवर्ष में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जा रहा है। वर्ष 1947 में अखंड भारत का सबसे दर्दनाक दिन। धर्म आधारित व्यवस्था को स्वीकार कर भारत के बंटवारे की स्वीकृति दी गई, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। अखंड भारत का यह बंटवारा मानव इतिहास की सबसे क्रूरतापूर्ण और दर्दनाक घटना थी। इस घटना में अपनी जान गंवाने वाले और अपनी जड़ों से विस्थापित होने वाले लोगों के साथ हम सभी को जुड़ना चाहिए, क्योंकि विभाजन की यह घटना वास्तव में एक बड़ी विभीषिका थी, लोगों को रातों रात अपना देश, अपनी भूमि, घर और परिवार को छोड़कर उजड़ना पड़ा था।

विभाजन की उस विभीषिका के बीच हुई दंगों की घटना में अपनी जान गंवाने और विस्थापित होने वाले पीड़ितों का हम दर्द केवल आज महसूस कर सकते हैं, पीएम नरेन्द्र मोदी ने ऐसे पीड़ितों के दर्द के साथ जुड़ने का काम किया है और इसी कारण आज हम विभाजन विभीषिका के उन्हीं ज्ञात अज्ञात लोगों को श्रद्धांजलि देने यहां एकजुट हुए हैं, जो दंगों में मारे गये।
कार्यक्रम में मंत्रियों और चेयरपर्सन ने उन लोगों को शाॅल ओढ़ाकर सम्मानित किया, जिन्होंने विभाजन के कारण अपने परिजनों की जान गँवाई और जिनके परिवार विभाजन के कारण अलग हुए। इस दौरान मुख्य रूप से पूर्व विधायक अशोक कंसल, उमेश मलिक, चेरयर्मन पति गौरव स्वरूप, भाजपा नेता राहुल गोयल, रूपेन्द्र सैनी, सुनील दर्शन, रोहित वाल्मीकि, रेणु गर्ग, सुषमा पुण्डीर, विशाल गर्ग, प्रवीण शर्मा, जगदीश पांचाल, सुधीर खटीक, आशुतोष गुप्ता, शरद शर्मा, अमरजीत सिडाना, सभासद अमित पटपटिया, प्रेमी छाबड़ा, पवन छाबडा आदि मौजूद रहे।

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