बांके बिहारी मंदिर मामला: उच्चतम न्यायालय ने नियुक्त कमेटी, यूपी सरकार और एमवीडीए को नोटिस जारी किया
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मथुरा के बांके बिहारी मंदिर की प्रबंधं कमेटी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट की ओर से नियुक्त कमेटी, यूपी सरकार और मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण (एमवीडीए) को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई जनवरी के पहले हफ्ते मे होगी।
उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका में मंदिर के प्रबंधन के लिए उच्चतम न्यायालय की ओर से गठित कमेटी के कुछ फैसलों को चुनौती दी गई है। इसमें मंदिर के दर्शन का वक्त बढ़ाया जाना और देहरी पूजा को रोका जाना शामिल है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कमेटी में मनमाने तरीके से गोस्वामी की नियुक्ति हुई है। सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने सवाल उठाया कि वृंदावन में श्री बांके बिहारी मंदिर में भगवान के दर्शन का समय अगर बढ़ाया गया है, तो इस पर क्या ऐतराज होना चाहिए।
दरअसल, मंदिर के प्रबंधन के लिए उच्चतम न्यायालय की ओर से गठित कमेटी ने भगवान के दर्शन का वक्त रोजाना ढाई घंटे बढ़ा दिया है। मंदिर के सेवायत इसका विरोध कर रहे हैं। आज मंदिर की प्रबंधन कमेटी ने दर्शन बढ़ाए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि दर्शन के वक्त को नहीं बदला जा सकता। इसके चलते भगवान से जुड़े पूजा विधान का भी वक्त बदलता है। भगवान का आराम का अपना वक्त होता है। इसमें दखल नहीं दिया जा सकता। तब उच्चतम न्यायालय
ने कहा कि लेकिन भगवान के आराम के वक्त में उन्हें आराम कहां करने दिया जाता है। उस वक्त जब आम श्रद्धालु दर्शन नहीं कर सकते, प्रभावशाली लोग बड़ी रकम देकर पूजा कर पाते है। उन्हें पूजा करने की इजाजत होती है।
