चेन्नई- हर गुजरते पल के साथ बढ़ती उम्मीदों और उत्साह के बीच भारत एक नया इतिहास रचने को तैयार है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को कहा कि चंद्रयान-3 मिशन तय समय पर है और बुधवार की शाम चांद के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग के लिए सुचारू रूप से आगे बढ़ रहा है।
चंद्रमा पर उतरने के साथ ही भारत ऐसा करने वाला विश्व का चौथा देश और चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका,रुस और चीन ऐतिहासिक करिश्मे को अंजाम दे चुके हैं।
इसरो के मुताबिक सिस्टम की नियमित जांच हो रही है और मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स) ऊर्जा और उत्साह से भरा हुआ है।
इसरो ने एक ट्वीट में कहा,“चंद्रयान-3 मिशन तय समय पर है। सिस्टम की नियमित जांच हो रही है। सुचारू संचालन जारी है।”
इसरो ने कहा,“एमओएक्स ऊर्जा और उत्साह से भरपूर है! और इसका सीधा प्रसारण एमओएक्स / आईएसटीआरसी पर लैंडिंग ऑपरेशन 23 अगस्त, 2023 को 1720 बजे शुरू होगा।”
इसरो के सूत्रों ने कहा,“चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए लैंडर को 1.6 किमी प्रति सेकंड की गति के साथ लगभग 25 किमी की ऊंचाई से संचालित किया जाएगा।”
इसरो वैज्ञानिकों का ध्यान चंद्रमा की गति के बाद से उस गति को कम करने पर होगा। साथ ही गुरुत्वाकर्षण बल भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कमांड अपलोड होने और टेलीमेट्री सिग्नल का विश्लेषण करने के दो घंटे बाद शाम 6.04 बजे लैंडर चंद्रमा पर उतरना शुरू कर देगा।
सॉफ्ट लैंडिंग एक मुश्किल और चुनौतीपूर्ण कार्य है क्योंकि इसमें जटिल युद्धाभ्यासों की एक श्रृंखला शामिल होती है जिसमें रफ और फाइन ब्रेकिंग शामिल होती है। लैंडिंग से पहले सुरक्षित और खतरा-मुक्त क्षेत्रों का पता लगाने के लिए लैंडिंग साइट की इमेजिंग की जाएगी।
लैंडर क्षैतिज स्थिति में चंद्रमा की ओर उतरेगा और इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग तथा कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी), बेंगलुरु में एमओएक्स के वैज्ञानिक फाइन ब्रेकिंग के लिए कमांड तैनात करेंगे। लैंडर की स्थिति को ऊर्ध्वाधर में बदल दिया जाएगा और उस स्थिति में, यह चंद्रमा पर मंडराएगा, तस्वीरें लेगा, लैंडिंग क्षेत्र का सर्वेक्षण करेगा तथा सुरक्षित लैंडिंग स्थान पर निर्णय लेगा।
इस बीच इसरो ने 19 अगस्त, 2023 को लगभग 70 किमी की ऊंचाई से लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (एलपीडीसी) द्वारा ली गई चंद्रमा की छवियों का ताजा सेट जारी किया।