मुजफ्फरनगर। चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग गंगनहर की दाईं पटरी के निर्माण के लिए वन विभाग की अनुमति के बाद पेड़ कटान शुरू हो गया है। मुजफ्फरनगर, मेरठ और गाजियाबाद से 111.49 किमी लंबी पटरी का निर्माण होना है। यहां से पेड़ काटे जाने के बाद लोक निर्माण विभाग को सोनभद्र, मिर्जापुर और ललितपुर में पौधरोपण कराना होगा। अकेले मुजफ्फरनगर से ही 16 हजार पेड़ कटेंगे।
कांवड़ यात्रा के दौरान आवागमन को सुचारू बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 मई 2018 को चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग की दाईं पटरी के निर्माण की घोषणा की थी। वर्ष 2019 में कैबिनेट की बैठक में मार्ग की लंबाई और बजट को हरी झंडी मिली। वन विभाग ने अब पेड़ कटान की अनुमति दे दी है। लोक निर्माण विभाग के प्रथम खंड के अधिशासी अभियंता मोहम्मद आरिफ ने बताया कि वन विभाग की अनुमति के बाद तीनों जिलों में पेड़ कटान का काम शुरू हो गया है। जो पेड़ बचाए जा सकते हैं, उन्हें बचाने का काम भी किया जा रहा है। वन विभाग मिर्जापुर, सोनभद्र और ललितपुर के साथ जहां भी जगह उपलब्ध कराएगा, वहीं पर पौधरोपण किया जाएगा।
चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग- उत्तराखंड राज्य की सीमा से पुरकाजी-लक्सर मार्ग को पार कर तुगलकपुर, निरगाजनी, बेलड़ा, भोपा, जौली, काटका, जानसठ, चित्तौड़ा, सोंटा सराय और खतौली से कांवड़ गंगनहर की दाईं पटरी गुजरती है। मेरठ में सलावा क्षेत्र से होते हुए दौराला, भलसोना और मोहिउद्दीनपुर तक जाती है। गाजियाबाद में निवाड़ा पुल से सोनिया विहार तक पहुंचती हैं।
गंगनहर की दाहिनी पटरी के निर्माण से दिल्ली-देहरादून हाईवे पर वाहनों का दबाव कम होगा। कांवड़ यात्रा के दौरान मेरठ-मुजफ्फरनगर के बीच हाईवे पर भारी वाहन बंद करने पड़ते हैं। पटरी के निर्माण से हाईवे बंद करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अतिक्रमण हटाने के लिए 40 परिवारों को नोटिस:
चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग से अतिक्रमण हटाने के लिए ग्राम प्रधान के परिवार सहित 40 परिवारों को लोक निर्माण विभाग ने नोटिस देकर एक सप्ताह में अवैध अतिक्रमण हटा लेने की चेतावनी दी है। पटरी पर ग्रामीण सुनील कुमार, सुरेश कुमार, अनिल, बलेशर, भोला, किशोर, छोटे लाल व शम्भू और धीर सिंह समेत करीब 40 परिवार बसे हुए हैं। लोक निर्माण विभाग ने नोटिस भेजकर गंग नहर पटरी पर किए गए अवैध अतिक्रमण को एक सप्ताह में हटा लेने की चेतावनी दी है। इससे इन परिवारों में बेचैनी बढ़ गई है। ग्रामीण सुनील वाल्मीकि का कहना है कि उच्च अधिकारियों से मिलकर समस्या रखी जाएगी।
करीब सवा लाख पेड़-पौधे होंगे प्रभावित:
डीएफओ मेरठ राजेश मीणा का कहना है कि तीनों जिलों में बड़े पेड़ करीब 33 हजार और छोटे-बड़े सभी मिलाकर करीब सवा लाख पेड़-पौधे प्रभावित होंगे। इस दौरान मिलने वाले छोटे पौधे को स्थानीय स्तर पर ही दूसरी जगहों पर लगवाया जा रहा है।
हाईवे निर्माण में कटे पेड़, लेकिन हरियाली नहीं लौटी:
नए रास्तों, रेल मार्ग के निर्माण के लिए पहले भी जिले से बड़ी संख्या में पेड़ काटे गए हैं लेकिन दिल्ली-देहरादून हाईवे पर अभी तक पहले जैसी हरियाली नहीं लौटी है। मेरठ-करनाल मार्ग के निर्माण में भी बड़ी संख्या में पेड़ कटे थे, इसी तरह पानीपत-खटीमा हाईवे के निर्माण में पेड़ काटे गए। अब पौड़ी मार्ग और गंगनहर पटरी मार्ग के निर्माण में पेड़ काटे जा रहे हैं लेकिन वन विभाग इस अनुपात में जिले में पौधरोपण नहीं कर पा रहा है।
भाकियू जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा का कहना है कि प्रकृति को बचाने के लिए जिस जिले से पेड़ काटे जाएं, वहीं पर अधिक से अधिक पौधारोपण होना चाहिए।