नई दिल्ली/बीजिंग। अंतरराष्ट्रीय व्यापार जगत में एक बार फिर से तनाव की लहर दौड़ गई है। अमेरिका द्वारा चीनी उत्पादों पर 104% टैरिफ लगाए जाने के जवाब में अब चीन ने भी कड़ा कदम उठाया है। चीन ने अमेरिका से आयातित सभी प्रमुख वस्तुओं पर 84% तक का जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो 10 अप्रैल 2025 से प्रभाव में आ जाएगा।
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चीनी वित्त मंत्रालय ने बुधवार को यह फैसला जारी करते हुए स्पष्ट किया कि यह निर्णय “अनुचित अमेरिकी व्यापार नीतियों” के जवाब में लिया गया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि चीन अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन समेत दर्जनों देशों के उत्पादों पर नई टैरिफ दरें लागू करने की घोषणा की थी, जिससे वैश्विक बाजारों में खलबली मच गई थी। चीन के जवाबी कदम के बाद अब यह व्यापार युद्ध और गहराने की आशंका जताई जा रही है।
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विशेषज्ञों के अनुसार, इस टैरिफ से दोनों देशों के बीच व्यापार प्रभावित होगा और वैश्विक आपूर्ति शृंखला पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। अमेरिकी कृषि, टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल सेक्टर की कंपनियों पर इसका सीधा असर पड़ने की आशंका है।
अर्थशास्त्रियों की चेतावनी
व्यापार विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम केवल अमेरिका और चीन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर महंगाई और आपूर्ति संकट जैसी समस्याएं और गहरी हो सकती हैं।