बरेली। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बुधवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि वक्फ संशोधन कानून से मुसलमानों का कोई नुकसान नहीं है, बल्कि फायदा होगा। चंद राजनीतिक नेता मुसलमानों को गुमराह करने में लगे हैं कि मस्जिदें और मदरसे छीन लिए जाएंगे, जबकि इस कानून में ऐसा कुछ भी नहीं है, बल्कि इस तरह की बातें मुसलमानों को भ्रमित, उकसाने और भड़काने वाली हैं। मौलाना बरेलवी ने तमाम मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि वक्फ कानून से घबराने और डरने की जरूरत नहीं है और न ही कोई उग्र धरना-प्रदर्शन करने की आवश्यकता है।
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धरना-प्रदर्शन करना हर नागरिक का अधिकार है, मगर राजनीति से जुड़े लोग मुसलमानों के जज्बात को भड़काकर अपने राजनीतिक लक्ष्य हासिल करते हैं। हमारा तजुर्बा बताता है और हमने खुद भी सीएए के प्रकरण में देखा भी है कि राजनीतिक लोगों के बहकावे में मुसलमान सड़कों पर उतरे, जगह-जगह धरना-प्रदर्शन किए और उसकी स्थिति चंद घंटों में उग्र हो गई। फिर नतीजे के तौर पर सिर्फ उत्तर प्रदेश में 27 नौजवानों की जानें गईं और सैकड़ों नौजवान जेल की सलाखों के पीछे चले गए। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने आगे कहा कि मैं तमाम मुसलमानों से उनके हितों का ध्यान रखते हुए अपील कर रहा हूं कि सड़कों पर उतरकर धरना-प्रदर्शन की कोई जरूरत नहीं है, हां अगर कहीं जरूरत पेश आए तो जम्हूरी अंदाज में अमन और शांति के साथ अपनी बात रखें। वक्फ संशोधन बिल गरीब और कमजोर मुसलमानों के हितों के लिए है। वक्फ जमीन से होने वाली आमदनी गरीब मुसलमानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुधारने में लगाई जाएगी।
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इससे होने वाली आमदनी वक्फ की मंशा के मुताबिक खर्च की जाएगी। स्कूल, कॉलेज, मदरसे, अस्पताल और यतीमखाने खोले जाएंगे, जिससे गरीब मुसलमानों का शिक्षा के मैदान में पिछड़ापन दूर होगा। मौलाना बरेलवी ने कहा कि वक्फ कानून से धार्मिक स्थलों को कोई खतरा नहीं है। मस्जिदों, मदरसों, ईदगाहों, कब्रिस्तानों और दरगाहों को कोई खतरा नहीं है। इन धार्मिक स्थलों की स्थिति जैसी है, वैसी ही रहेगी। इन धार्मिक स्थलों में हुकूमत कोई भी हस्तक्षेप नहीं कर सकती। मुसलमानों को कुछ राजनीतिक लोग अपने स्वार्थों का लाभ लेने के लिए गुमराह कर रहे हैं। मैं मुसलमानों से अपील करता हूं कि इन राजनीतिक लोगों के बहकावे और उकसावे में न आएं।