महाकुंभ नगर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को प्रयागराज महाकुंभ में कार्यरत रहे स्वच्छताकर्मियों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को बड़ी सौगात दी। मुख्यमंत्री ने सफाईकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों को उपहार के साथ ही ‘स्वच्छ कुंभ कोष’ से बीमा प्रमाण पत्र प्रदान किया और साथ ही मंच से ऐलान किया कि जो भी स्वच्छताकर्मी और स्वास्थ्यकर्मी महाकुंभ के महाआयोजन में सहभागी बने, उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त बोनस के रूप में 10 हजार रुपए की धनराशि प्रदान की जाएगी।
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यही नहीं, सीएम योगी ने यह भी ऐलान किया कि अप्रैल से प्रदेश सरकार एक कॉर्पोरेशन का गठन करने जा रही है, जिसके माध्यम से हर स्वच्छताकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी और उन सभी कर्मियों को जिन्हें मिनिमम वेज नहीं मिल पाता था, उन्हें सरकार 16 हजार रुपए प्रतिमाह प्रदान करेगी। यह धनराशि डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में भेजी जाएगी। इसके साथ ही सीएम ने यह भी कहा कि हर स्वच्छताकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी को आयुष्मान भारत या मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना के माध्यम से 5,00,000 रुपए की स्वास्थ्य बीमा से भी जोड़ा जाएगा।
सीएम योगी ने कहा कि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित हुए इस भव्य और दिव्य आयोजन के बाद आज आप सभी का अभिनंदन करने के लिए पूरी प्रदेश सरकार आपके बीच में है। इस आयोजन को भव्य और दिव्य बनाने में स्वच्छता और स्वास्थ्यकर्मियों का विशेष योगदान है। हमारी सरकार आपसे वादा करती है कि आपके वेलफेयर के लिए हम आगे भी लगातार काम करते रहेंगे। टीम भावना के साथ जब कोई कार्य होता है तो उसके परिणाम ऐसे ही होते हैं जैसे प्रयागराज महाकुंभ में आज हमको देखने को मिल रहे हैं। आज आप सबने साबित कर दिया कि अगर थोड़ी भी इच्छा शक्ति हो और सही सपोर्ट मिले तो परिणाम कुछ भी लाया जा सकता है।
सीएम योगी ने सभी स्वच्छताकर्मियों से अपील की कि स्वच्छता कार्यक्रम को अब नए सिरे से प्रस्तुत करना है। स्वच्छता का विशेष अभियान चलाना होगा। आज हमने इसकी शुरुआत की है। अब सभी अधिकारी, कर्मचारी भी इस अभियान में जुटें। मां गंगा के प्रति हमारी कृतज्ञता ज्ञापित होनी चाहिए। आपको सम्मानित करते हुए और आपके साथ सहभोज में हिस्सा बनते हुए हमारा मंत्रिमंडल अभिभूत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को प्रयागराज महाकुंभ के शुभारंभ के लिए यहां आए थे। उससे पहले भी और उस दौरान भी उन्होंने बहुत सारा मार्गदर्शन दिया। भारत सरकार के सभी अधिकारी, सभी मंत्रालय इस आयोजन को उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए प्राण-प्रण से जुटे थे। हर विभाग ने अपने स्तर पर आयोजन में भरपूर सहयोग किया और इसमें आर्थिक रूप से भी सहयोग करते हुए प्रयागराज के कायाकल्प को सुनिश्चित किया।
आज महाकुंभ के बहाने प्रयागराज शहर एक स्मार्ट सिटी के रूप में चमक रहा है। सीएम योगी ने कहा कि जो भी प्रयागराज आया, उसने दो बातों की सराहना जरूर की। एक स्वच्छता और स्वच्छता कर्मियों की तो दूसरी पुलिस के व्यवहार की। ऐसे लगता था, जैसे यह सबका अपना आयोजन हो। पूरा परिवार मिलकर कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा हो। यही नहीं, प्रयागराजवासियों ने भी इसे अपने घर का आयोजन बना लिया। जगह-जगह पर लंगर लगाए, अतिथियों का अभिवादन किया, अपनी परेशानी को भूल करके वह इस आयोजन का हिस्सा बने। जिस सिटी में 25 से 30 लाख लोग रहते हैं, वहां अचानक 7-8 करोड़ लोग आ जाएंगे तो क्या स्थिति होती होगी।
जिस घर में पांच सदस्य रहते हैं और अचानक 10 लोग आ जाएं तो हालत खराब हो जाती है और यहां तो 20-20 गुना लोग आ रहे थे, लेकिन प्रयागराजवासियों ने पूरे धैर्य के साथ, खुशी के साथ इसे अपना आयोजन बना दिया और प्रयागराज से प्रेरित होकर पूरे प्रदेश ने अपना योगदान किया। जिस मार्ग से तीर्थयात्री और श्रद्धालु, पूज्य संत गए, उनके अभिनंदन और स्वागत के लिए प्रदेशवासी वहां नजर आए। प्रदेशवासियों ने आतिथ्य का जो उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है, उसके लिए उनका हृदय से अभिनंदन करता हूं। सीएम योगी ने प्रदेश में टूरिज्म की नई संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि महाकुंभ ने उत्तर प्रदेश के अंदर आध्यात्मिक टूरिज्म के कई सर्किट प्रस्तुत किए हैं।
एक प्रयागराज से मां विंध्यवासिनी का धाम होते हुए काशी का सर्किट बना। जिस प्रकार प्रयागराज में करोड़ों की संख्या में लोग जुटे थे, उसी तरह मां विंध्यवासिनी धाम में इस दौरान प्रतिदिन 5 से लेकर 7 लाख तक लोग जुटे थे। इसी तरह, काशी में बाबा विश्वनाथ धाम में 10 से लेकर 15 लाख श्रद्धालु एक दिन में रहते थे। एक और सर्किट बना अयोध्या धाम और गोरखपुर का, अयोध्या धाम में प्रतिदिन इस दौरान 7 लाख से लेकर 12 लाख श्रद्धालु प्रतिदिन आ रहे थे और गोरखपुर में पहली जनवरी से लेकर महाशिवरात्रि तक प्रतिदिन 2 लाख से ढाई लाख श्रद्धालु जुटते थे। तीसरा सर्किट बना प्रयागराज से ऋंग्वेरपुर होते हुए लखनऊ और नैमिषारण्य का, जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा रहा। प्रयागराज से राजापुर और चित्रकूट का भी एक सर्किट बना तो पांचवा सर्किट प्रयागराज से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे होते हुए मथुरा, वृंदावन और शुकतीर्थ का रहा, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से मेला प्राधिकरण के तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। इन तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में से पहला एक साथ सर्वाधिक लोगों (329) द्वारा एक ही समय में कई स्थलों पर नदी की सफाई, दूसरा एक साथ सर्वाधिक संख्या (19 हजार) में सफाईकर्मियों द्वारा सफाई अभियान चलाए जाने और तीसरा 8 घंटे तक सर्वाधिक लोगों (10,102) द्वारा हैंडप्रिंट बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड शामिल रहा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग की ‘एसेंस ऑफ कुंभ’ बुक का विमोचन भी किया।