नई दिल्ली। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को हरियाणा में हुई मतगणना से जुड़ी शिकायतों को लेकर चुनाव आयोग मिला। पार्टी ने अन्य विषयों के साथ आयोग से ईवीएम बैटरी का मुद्दा उठाया। पार्टी का कहना है कि आयोग ने उनकी शिकायतों को सुना और उचित कार्रवाई का वादा किया है।
चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि उनके पास 20 विधानसभा क्षेत्रों से मतगणना से जुड़ी शिकायतें मिली है। इनमें से 7 क्षेत्रों से जुड़ी शिकायतों पर आज पार्टी ने आयोग को लिखित दस्तावेज मुहैया कराए हैं। बाकी शिकायतों को लेकर भी जल्द ही पार्टी आयोग से दोबारा मिलेगी।
पवन खेड़ा ने कहा कि सात विधानसभा क्षेत्रों करनाल, डबवाली, रेवाड़ी, पानीपत सिटी, होडल, कालका और नारनौल से ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। कुछ ईवीएम में बैटरी 90 प्रतिशत थी और बाकी में बैट्ररी सामान्य थी, जिनमें बैटरी 90 प्रतिशत थी, उसमें भाजपा को जीत मिली है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त शेष बची 13 शिकायतों को लेकर 48 घंटे के भीतर चुनाव आयोग उपलब्ध करा देंगे। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, अजय माकन भी शामिल थे। इसके अलावा अभिषेक मनु सिंघवी ऑनलाइन जुड़े थे।
पवन खेड़ा ने कहा कि चुनाव आयोग को हमने शिकायतें दी हैं और आयोग ने कहा कि वे इन शिकायतों के बारे में लिखित जवाब देंगे। आयोग के समक्ष हमने मांग की है कि जिन ईवीएम की शिकायतें मिली है उनको सील किया जाए जब तक कि इसकी जांच नहीं हो जाती। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि ऐसी शिकायतें हैं कि जहां पर ईवीएम में 90 प्रतिशत से ज्यादा बैटरी ईवीएम हैं वहां पर भाजपा जीत रही है। जहां के ईवीएम में 60 से 70 प्रतिशत बैटरी दिखा रहीं थी, वहां पर भाजपा नहीं जीत रही है। हमने मतदान के दौरान वीवीपैट की पर्चियां मिलाने की मांग की लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा ने कहा कि हरियाणा का परिणाम सभी के लिए आश्चर्यजनक है। सभी कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि कल कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को अप्रत्याशित और अस्वीकार्य बताया था। पार्टी का कहना था कि नतीजे अचंभित करने वाले हैं। इससे लगता है कि यह तंत्र (सिस्टम) की जीत है, लोकतंत्र की हार है। हम इस हार को स्वीकार नहीं कर सकते।