गाजियाबाद। इंजीनियर दंपती की सात महीने पहले शादी हुई थी। दोनों गुरुग्राम में अलग-अलग कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। पति को 19 और पत्नी को 21 लाख रुपये का सालाना पैकेज है। सास ने अपनी इंजीनियर बहू से दो बार खाना बनवाया तो बहू ने कोर्ट में तलाक की अर्जी दे दी है।
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आमतौर पर तलाक के मामलों में अक्सर पति को शिकायत रहती है कि पत्नी अच्छा खाना नहीं बनाती। हमेशा मायके में बातें करती रहती है। मायके के लोगों के सिवा किसी की परवाह नहीं करती। लेकिन अब तलाक के मायने बदल रहे हैं। परिवार न्यायालय में तलाक के ऐसे भी मामले आ रहे हैं, जिसमें खाना बनाने के लिए विवाहिता तलाक मांग रही है। बार एसोसिएशन की वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. शबनम खान एडवोकेट का कहना है कि अब तलाक मांगने के मायने भी बदल रहे हैं।
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शहर की एक पॉश कालोनी में रहने वाले इंजीनियर दंपती की सात महीने पहले शादी हुई थी। शादी के बाद दो दिन घर में घरेलू नौकरानी काम पर नहीं आई तो सास ने बहू से खाना बनाने के लिए कहा। इस पर दोनों में विवाद हो गया। बहू ने कहा कि शादी के पहले तय हुआ था कि वह ससुराल में खाना नहीं बनाएगी। दो बार खाना बनवाया गया। इसलिए तलाक चाहिए। तलाक की अर्जी में बहू की मां ने भी सहयोग किया। परिवार परामर्श केंद्र में दो बार काउंसिलिंग होने के बाद भी बात नहीं बनी। मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
एडवोकेट सोनल खान ने बताया कि लोनी क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है। धार्मिक स्थल में बड़े पद पर कार्यरत एक युवक की पढ़ाई के दौरान युवती से मुलाकात हुई। युवती ने प्रेम विवाह करने को कहा, लेकिन युवक ने निकाह का प्रस्ताव रखा। युवक ने युवती का धर्म परिवर्तन कराकर निकाह कर लिया। डेढ़ वर्ष बाद युवक ने बीवी को तलाक दे दिया। लेकिन दोबारा निकाह करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद अपने सगे रिश्तेदार से बीवी का हलाला कराया और निकाह कर लिया। छह महीने के बाद अब युवक ने दोबारा तलाक की अर्जी अदालत में लगा दी। इसका विरोध करते हुए बीवी ने साथ रहने की अदालत से गुजारिश की है।