गाजियाबाद। महापौर सुनीता दयाल ने एक बार फिर निगम के अधिकारियों को कटघरे में खड़ा किया है। महापौर ने निगम अधिकारियों पर टैक्स बढ़ाने की साजिश करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि 20 जुलाई 2024 को सदन की बैठक बुलाई गई थी। एक दिन पहले 19 जुलाई 2024 को कार्यकारिणी के छह सदस्यों के चुनाव के लिए सदन बैठक थी। नगर निगम के कुछ अधिकारी नगर निगम के अंतर्गत आने वाले सम्पत्ति कर विशेषकर वाणिज्यिक भवनों में अनियमितता बरत रहे थे। महापौर का आरोप है कि अधिकारी चाहते थे कि हॉउस टैक्स की दरों में बढ़ोतरी कर अनियमितता का दायरा बढ़ाया जा सके। जिससे शहर की जनता पर टैक्स का भार बढ़ सके। हाउस टैक्स के विषय में पूर्व में पत्र महापौर ने लिखे हैं।
जिनमें वाणिज्यिक भवनों पर लगाए जाने वाले टैक्स में अनियमितता दर्शायी गयी थी। उन्होंने आरोप लगाए कि नगर निगम अधिकारी नहीं चाहते थे कि सदन की बैठक हो पाए। इसके लिए साजिश की गई। अधिकारियों द्वारा अवकाश के दिन 17 जुलाई 2024 को पार्षदो को अपनी निज निवास पर बुलाकर भ्रमित किया गया। जिससे कि हाउस टैक्स की बढ़ोतरी में अपने मतदाताओं व नगर क्षेत्र की जनता की भावना व हितों के विरुद्ध जाकर हाउस टैक्स बढ़ोतरी के अवैध कार्य मे अधिकारियों का साथ दें।
अधिकारियों ने पार्षदों को यह लालच दिया कि वह टैक्स बढ़ोतरी कराए ओर उनके कहने पर उनके क्षेत्र में जो कार्य चाहेंगे वह होगे। महापौर ने कहा कि नगर निगम अधिकारी इस प्रकार की राजनीति कर रहें हैं। यह ठीक नहीं है जनता के साथ खिलवाड़ है। पार्षदों को बरगलाने का कार्य किया है।