दिल्ली के झंडेवालान में MCD का एक्शन, RSS मुख्यालय के पास 1947 से स्थापित मंदिर-दरगाह पर चला बुलडोजर
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मध्य क्षेत्र झंडेवालान में उस समय हड़कंप मच गया, जब दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और दिल्ली नगर निगम (MCD) ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। यह कार्रवाई प्रसिद्ध झंडेवालान देवी मंदिर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय के ठीक पीछे स्थित मंदिर दरगाह बाबा श्री रतन नाथ जी पेशावर वाले के आसपास की गई।
विभाजन काल से रह रहे थे निवासी, प्रशासन ने बताया 'ग्रीन लैंड'
प्राप्त जानकारी के अनुसार, DDA और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम सुबह बुलडोजर लेकर पहुंची और मंदिर-दरगाह परिसर के पास बने पुराने घरों और दुकानों को ध्वस्त कर दिया। स्थानीय निवासियों ने कार्रवाई का कड़ा विरोध किया।
निवासियों का दावा है कि उनके पूर्वज देश के विभाजन (1947) के समय पाकिस्तान से आकर यहां बसाए गए थे और वे दशकों से यहां रह रहे हैं। उनका कहना है कि यह उनकी पैतृक जमीन है, लेकिन DDA ने इसे ग्रीन लैंड पर अवैध अतिक्रमण मानते हुए कार्रवाई की है। उनका आरोप है कि आरएसएस के मुख्यालय के लिए पार्किंग के लिए उनकी कॉलोनी पर बुलडोजर चलाया गया है।
मंदिर को नुकसान पहुंचाने का आरोप, DDA ने किया इनकार
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि कार्रवाई के दौरान ऐतिहासिक मंदिर-दरगाह परिसर को भी नुकसान पहुंचाया गया है। हालांकि, दिल्ली पुलिस और DDA ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने केवल अतिक्रमण वाले हिस्से को हटाया है और धार्मिक संरचनाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया है।
DDA के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि निवासियों को अतिक्रमण हटाने के लिए पूर्व में नोटिस दिया जा चुका था। नोटिस मिलने के बाद कुछ लोग जगह खाली करके चले गए थे, लेकिन बचे हुए अवैध निर्माण को आज ध्वस्त कर दिया गया।
कार्रवाई के दौरान करोल बाग से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक विशेष रवि सहित कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया। इलाके में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात रहे। इस घटना ने एक बार फिर राजधानी में पुराने अतिक्रमणों और विस्थापितों के पुनर्वास के मुद्दे को गरमा दिया है।
नाथ संप्रदाय से जुड़ा है स्थान
बाबा श्री रतन नाथ जी पेशावर वाले का मंदिर-दरगाह परिसर नाथ संप्रदाय से जुड़ा हुआ माना जाता है। यह स्थान हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों के बीच आस्था का केंद्र है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस पवित्र स्थान की सुरक्षा को लेकर उनकी चिंताएं बढ़ी हुई हैं।
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