Monday, November 18, 2024

यूपी में पच्चीस हजार मेगावाट के पार पहुंची बिजली की मांग, टूट सकते हैं सारे रिकॉर्ड

लखनऊ। गर्मी का प्रकोप बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग बढ़ने लगी। हालांकि इस बार सरकार ने पहले ही चालाकी दिखाई और बैंकिंग की बिजली उसे 3000 मेगावाट मिल रही है, जिससे बिजली के लिए प्रदेश में हाहाकार नहीं मचा। अभी एक जून को प्रदेश में अधिकतम बिजली की मांग 23833 मेगावाट थी, जो चार जून को बढ़कर 25200 मेगावाट पहुंच गयी। यदि गर्मी ऐसी ही रही तो एक-दो दिन में ही अब तक का पिछले वर्ष टूटा रिकार्ड का 26537 मेगावाट का भी रिकार्ड टूट जाएगा।

बैंकिंग बिजली का फार्मूला यह है कि यदि किसी राज्य को जितने मेगावाट की जरूरत पड़ती है और वह दूसरे राज्य से लेता है। उसी समय तय कर दिया जाता है कि वह किस माह में बिजली लौटाएगा। इसके बदले वह पैसा नहीं, बिजली लौटाता है। वहीं उत्तर प्रदेश ने आफ सीजन में दूसरे राज्यों को इस वर्ष बिजली दिया था, जिसे वे लौटा रहे हैं। वहीं बैंकिंग बिजली 3000 मेगावाट प्रतिदिन उत्तर प्रदेश को मिल रही है, जिससे बिजली की कमी नहीं हो रही, वरना अब तक प्रदेश को महंगी बिजली खरीदनी पड़ जाती।

अब तक सबसे ज्यादा बिजली की मांग पिछले वर्ष जून माह में ही एक दिन 26537 मेगावाट पहुंचा था। वह आजादी के बाद से अब तक का प्रदेश में उच्चतम मांग है, लेकिन इस वर्ष वह रिकार्ड भी टूट जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि यदि मौसम ऐसे ही बना रहा तो आठ जून तक बिजली की मांग 28000 मेगावाट पहुंच सकता है।

महंगी बिजली खरीदने से मिलेगी राहत
अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि पाॅवर काॅरपोरेशन के कुशल प्रबंधन द्वारा जो बैंकिंग की बिजली का इंतजाम किया गया है। उससे बड़े पैमाने पर रोस्टर के मुताबिक विद्युत आपूर्ति कर पाना संभव हो रहा है। शाम सात बजे से सुबह पांच बजे तक बैंकिंग की लगभग 3000 मेगा वाट बिजली पूरे जून तक मिलेगी। ऐसे में जहां एक तरफ महंगी बिजली खरीदने से राहत रहेगी। वहीं विद्युत आपूर्ति को संभालने में भी एक अच्छा प्रयास रहेगा। वर्तमान में जिस प्रकार से डिमांड भाग रही है। उससे आने वाले समय में पाॅवर काॅरपोरेशन को और तेजी से कुशल प्रबंधन करके 30 जून तक ओबर सी की 660 मेगा वाट की मशीन को चालू कराना बहुत जरूरी हो गया है। वहीं 31 जुलाई तक जवाहरपुर की भी 660 मेगा वाट की मशीन चालू हो जाएगी तो निश्चित तौर पर आने वाले समय में डिमांड को पूरा करने में उत्तर प्रदेश पूरी तरीके से कारगर साबित होगा।

लोकल ब्रेकडाउन से आ रही बड़ी दिक्कत
सबसे बड़ी दिक्कत वर्तमान में शहरी क्षेत्र में लोकल ब्रेकडाउन को लेकर आ रही है, जिसके लिए बिजली कंपनियों को पूरी तत्परता से अपने ट्रांसफार्मर टाली एबीसी केबल एलटी लीड फ्यूज वायर सहित अन्य जरूरी सामग्री को हर वितरण खंड में पहले से उपलब्धता बनाए रखना पड़ेगा, जिससे लोकल ब्रेकडाउन को समय से ठीक किया जा सके। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में ब्रेकडाउन को रोकने के लिए तत्परता के साथ ब्रेकडाउन अटेंड करने का बड़ा दबाव रहेगा।

वितरण खंडों को बरतनी पड़ेगी चौकसी
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्तमान में भीषण गर्मी का प्रकोप अगले महीनों में और भी विकराल रूप लेगा। वैसे में उत्पादन इकाइयों से लेकर वितरण खंडों तक सभी को पूरी चौकसी के साथ अपना 100 प्रतिशत योगदान देना होगा, क्योंकि जिस प्रकार से फोरकास्ट किया गया है। उसके मुताबिक उत्तर प्रदेश में डिमांड 28000 मेगा वाट को भी पार कर सकती है।

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