मेरठ। पंजाब के शंभू व खनौरी बॉर्डर पर पिछले 13 माह से धरने पर बैठे किसानों के खिलाफ की गई कार्रवाई के विरोध में मेरठ में भारतीय किसान यूनियन ने जिला मुख्यालय में आज धरना प्रदर्शन किया है। भाकियू का धरना प्रदर्शन सिर्फ मेरठ ही नहीं बल्कि पूरे पश्चिम यूपी के जिलों में हो रहा है। पंजाब में किसानों को जबरन धरने से उठाने से किसानों में गहरा आक्रोश दिखाई दे रहा है।
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भारतीय किसान यूनियन(बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आहवान पर आज भाकियू की मेरठ शाखा के अध्यक्ष अनुराग चौधरी की अगुवाई में किसानों द्वारा कल जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहा कि पंजाब के शंभू व खनौरी बॉर्डर पर पिछले 13 माह से धरने पर बैठे किसानों को भगवंत मान सरकार ने सुनियोजित ढंग से हटाकर दोनों मोर्चों पर बुलडोजर चलवा दिया है। सरकार ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसानों की सातवें दौर की बातचीत विफल रहने के अवसर को ‘मोर्चा हटाओ अभियान’ के लिए चुना।
रात को ही दोनों मोर्चे खाली करवा लिए। भाकियू नेता ने कहा कि पंजाब सरकार का यह तानाशाही रवैया है। लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। प्रशासन और अधिकारियों को बातचीत से रास्ता निकालना चाहिए था। वहीं भाकियू प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब की जत्थेबंदी जो फैसला लेगी, भाकियू उनके साथ हैं। प्रवक्ता ने बताया कि आज 21 मार्च को मेरठ समेत समूचे उत्तर प्रदेश में हर ज़िला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया है। मेरठ में प्रदर्शन के दौरान ज़िलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है।
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जिलाध्यक्ष ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा आंदोलित किसानों पर की गई कार्रवाई से किसान नाराज हैं। इस प्रकरण को लेकर जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी के नेतृत्व में सैकड़ों किसान जिला मुख्यालय में पहुंचकर प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहा कि पंजाब सरकार ने दमनकारी नीति अपनाई है जो कि गलत है। आंदोलन किसानों का अधिकार है। पंजाब सरकार की कार्रवाई आंदोलन को दबाने का प्रयास है जिसे किसान नहीं सहेगा।