नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में आज (शनिवार) ‘नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला’ का आगाज होगा। इस बार इसकी थीम ‘बहुभाषी भारत: एक जीवंत परंपरा’ है। प्रगति मैदान के भारत मंडपम में केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान सुबह 10ः30 बजे इसका उद्घाटन करेंगे। किताबों का यह महाकुंभ इस बार विभिन्न देशों और भाषाओं के 1000 से अधिक प्रकाशकों की भागीदारी का साक्षी बनेगा।
केंद्रीयमंत्री प्रधान इस अवसर पर नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की भी शुरुआत करेंगे। विश्व पुस्तक मेला के आयोजक नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया (राष्ट्रीय पुस्तक न्यास) के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे का कहना है, ”भारत भाषाओं से समृद्ध देश है। अनुसूची आठ में 22 भाषाएं बताई गई हैं, लेकिन यहां भाषाओं-बोलियों की कोई सीमा नहीं है। एक शब्द आपको अलग-अलग भाषाओं में मिलेगा। भारतीय भाषाओं में पूरे विश्व का ज्ञान मिल जाता है। इसमें साहित्य की अहम भूमिका है। इस बार के विश्व पुस्तक मेला में भाषाओं का साहित्यिक जश्न मनाया जाएगा।”
नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के निदेशक युवराज मलिक का मानना है, ”विश्व का सबसे बड़ा पुस्तक मेला केवल एक आयोजन नहीं है, यह उत्सव है, जिसमें पाठकों को पुस्तकों के साथ भारत की विविध संस्कृति और लोककला की झलक देखने को मिलती है। इस बार 1000 से अधिक प्रकाशक इसमें शामिल हो रहे हैं।” इस बार पुस्तक मेला में नई पहल की जाएगी। ‘फेस्टिवल ऑफ फेस्टिवल्स’ में अहमदाबाद साहित्य महोत्सव, सिनेमा दरबार, भारत साहित्य महोत्सव, प्रगति विचार इन सभी के प्रतिनिधियों को विश्व के सबसे बड़े पुस्तक मेले में आमंत्रित किया गया है।
इस बार ई-लर्निंग के प्रति उत्साह को देखते हुए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत हो रही है। बच्चों के लिए ई-जादुई पिटारा विश्व पुस्तक मेले में ही देश को समर्पित किया जाएगा। इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट ‘इंडिया द मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ पर विशेष प्रदर्शनी का आयोजन करेगा। ‘सीईओ स्पीक’ का आयोजन 11 फरवरी को होगा। 11 से 12 फरवरी तक नई दिल्ली राइट्स टेबल का आयोजन होगा। इस बार जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और भारत के अलग-अलग हिस्सों से बैंड आ रहे हैं, जो विश्व पुस्तक मेला में साहित्यिक बेला की रौनक बढ़ाएंगे।
प्रगति मैदान के हॉल संख्या एक से पांच में आयोजित होने वाले इस पुस्तक मेले में पाठकों को हॉल नंबर एक में विज्ञान, मानविकी और दर्शन की पुस्तकें मिलेंगी। हॉल दो में भारतीय भाषाओं के लेखक विभिन्न साहित्यिक विषयों, पुस्तकों एवं विधाओं पर बात करेंगे। इसके लिए लेखक मंच बनाया गया है। हॉल संख्या तीन बच्चों के लिए है, जिसमें बच्चों से जुड़े हर विषय की पुस्तकें, स्टेशनरी, कला एवं शिल्प आदि सामग्री उपलब्ध होगी।अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाठकों को सऊदी अरब के प्रचुर साहित्य के साथ 16 विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का आनंद लेने का भी अवसर मिलेगा। मेले में ब्रिटेन, इटली, आस्ट्रिया, फ्रांस, स्पेन, तुर्किये, रूस, ताइवान, ईरान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल की भी भागीदारी रहेगी। मेले के लिए टिकट दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में विभिन्न मेट्रों स्टेशनों और एनबीटी की वेबसाइट से खरीदे जा सकते हैं। बच्चों और वयस्कों के लिए क्रमश: दस रुपये और बीस रुपये का टिकट होगा। स्कूली बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रवेश नि:शुल्क रहेगा। मेले का समापन 18 फरवरी को होगा।
पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की विज्ञप्ति के अनुसार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का प्रकाशन विभाग किताबों के इस महाकुंभ में अपनी पुस्तकों और पत्रिकाओं का विस्तृत संग्रह प्रस्तुत करेगा। साथ ही विभाग की पुस्तकों “इंडिया 2024” और “करियर कॉलिंग” का विमोचन किया जाएगा। “करियर कॉलिंग” नौकरी पाने के इच्छुक लोगों के लिए रोजगार के नवीनतम और आगामी अवसरों के बारे में लेखों का एक प्रभावशाली संग्रह है।
पीआईबी के अनुसार, प्रकाशन विभाग “बहुभाषी भारत” की उत्साहपूर्ण थीम के अनुरूप अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, संस्कृत और अन्य भारतीय भाषाओं में पुस्तकों की विविध शृंखला प्रस्तुत करेगा। प्रदर्शित पुस्तकों में कला और संस्कृति, इतिहास, सिनेमा, व्यक्तित्व और जीवनी, भूमि और लोग, गांधीवादी साहित्य और बाल साहित्य आदि विषयों की पुस्तकें शामिल रहेंगी। विभाग की पुस्तकों की प्रीमियम शृंखला में ‘राष्ट्रपति भवन सीरीज’, ‘सिलेक्टेड स्पीचेज ऑफ प्रेसीडेंट, वाइस प्रेसीडेंट एंड प्राइम मिनीस्टर’ और ‘क्लेक्टेड वर्क्स ऑफ महामना मदन मोहन मालवीय’ शामिल हैं।