लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बुधवार को कहा कि यह डबल इंजन की सरकार है, जो केवल बोलती ही नहीं है बल्कि करके भी दिखाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डेंगू की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। सरकार द्वारा अंतर्विभागीय समन्वय के माध्यम से संचारी रोगों के संबंध में कार्य किये गए हैं। जलजनित या विषाणु जनित रोगों के निवारण के लिए प्रतिवर्ष तीन महीने डोर-टू-डोर अभियान चलाया जाता है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि विपक्ष की तरफ से जिस प्रकार सवाल आया इधर से जवाब उसी प्रकार दिया जा रहा है। अगर पूरी स्पष्टता के साथ उत्तर आ जाता तो विपक्ष की और पोल पट्टी खुल जाती। उन्होंने कहा कि शायद संचारी अभियान के बारे में इन्हें (विपक्ष के सदस्य) पता नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश की 25 करोड़ की आबादी को हर स्तर पर इलाज मुहैया करा रही है। सरकारी अस्पताल में 2017 से पहले की तुलना में बहुत बेहतर सुविधाएं दी गई हैं। रही बात डेंगू के इलाज की तो आज ब्लड सेपरेटर यूनिट द्वारा ब्लड चढ़ाया जाता है। हम प्लेटलेट्स की अतिरिक्त आपूर्ति भी करते हैं। सरकार की ओर से हर बेहतर उपाय किए जा रहे हैं। प्रदेश के प्रत्येक जिले में प्लेटलेट्स की भी व्यवस्था है।
उन्होंने कहा कि अगर मरीज देश और दुनिया के निजी क्षेत्र के अत्याधुनिक अस्पतालों में इलाज कराना चाहता है तो उसके लिए भी हमारी सरकार ने विधायकों को 25 लाख रुपये इलाज के लिए देने की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री राहत कोष से भी बिना किसी भेदभाव के सहायता की जा रही है। हमारी सरकार में चेहरा देखकर मदद नहीं की जा रही है। इस बात को विपक्ष के सदस्य भी मानेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है। यहां अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग बीमारियां देखने को मिलती हैं। बरेली बदायूं क्षेत्र में अगर मलेरिया का प्रभाव अधिक देखने को मिलता है तो बिहार से लगे जिलों में कालाजार जैसी बीमारी पनपती है। वहीं फिरोजाबाद के बेल्ट में डेंगू देखने को मिलता है। सरकार पूरे प्रदेश को ऐसी बीमारियों से मुक्ति दिलाने के लिए संचारी रोग अभियान चलाती है।
पीठ का ध्यान आकृष्ट कराते हुए नेता सदन ने कहा कि अध्यक्ष जी विपक्ष समस्याओं के समाधान के लिए सवाल नहीं उठाता है। विपक्ष राजनीति करने के उद्देश्य से सवाल उठा रहा है। कोरोना कल में भी प्रदेश की जनता ने इन लोगों (सपा) को देखा है। यह लोग कोरोना से पीड़ित जनता को वैक्सीन लगाने से रोक रहे थे। कह रहे थे कि यह मोदी की वैक्सीन है। इसे मत लगाइए। रही बात नेता प्रतिपक्ष के सवालों का तो हम कहना चाहते हैं कि यह डबल इंजन की सरकार है। केवल बोलती नहीं है। करके भी दिखती है।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही गुरुवार को पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
उप मुख्यमंत्री पाठक हुए आक्रामक-
मुख्यमंत्री से पहले, उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि डेंगू गंभीर बीमारी है। हमारी सरकार सबको इलाज मुहैया करा रही है। संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया गया है। पूर्वांचल में जापानी बुखार से बच्चों की मौत होती थी। आज पूरी तरह नियंत्रण में है। सवाल उठाने वालों की सरकार में कुछ नहीं हो पाया था। इनकी (सपा) सरकार में गुंडाराज था। हमारी सरकार ने गुंडाराज का खात्मा किया है। ब्रजेश पाठक ने कहा कि विपक्ष की पीड़ा जनता नहीं है। इनकी पीड़ा ‘हाय हसन हम न हुए’ है। इन्हें विपक्ष में बैठना अच्छा नहीं लगता। उसे यह पचा नहीं पा रहे हैं। अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर पाठक ने कहा कि यह तो राजकुमार पैदा हुए हैं। इसके बाद सपा के सदस्य हंगामा करने लगे। सत्ता पक्ष के सदस्य भी अपनी कुर्सी पर खड़े होकर बोलने लगे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों पक्षों को शांत कराया और सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी।
इससे पहले विधानसभा में शून्य काल के दौरान सपा के वरिष्ठ सदस्य लालजी वर्मा की ओर से नियम 56 के तहत डेंगू से प्रदेश में होने वाली मौतों और स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा कराने की मांग की गयी।
अखिलेश बोले- डेंगू से मरने वालों के परिजनों को मिले 10-10 लाख
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वरिष्ठ सदस्य वर्मा ने महत्वपूर्ण सवाल उठाया है। डबल इंजन की सरकार में बड़ी-बड़ी होर्डिंग लगी है। सरकार कहती है कि हमने तमाम सुविधाएं दी हैं लेकिन प्रदेश भर से डेंगू से होने वाली मौतों की आ रही सूचनाएं दुखी करने वाली हैं। सरकार को इस पर एक कमेटी गठित करनी चाहिए। कमेटी के सदस्य उन क्षेत्रों में जाएं और हालात का जायजा लें। इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने डेंगू से मरने वालों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये सहायत राशि देने और इलाज मुफ्त कराने की मांग उठाई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि यह सूचना नियम 56 के तहत नहीं आती है। इसलिए इसे अग्राह्य किया जाता है।