नयी दिल्ली। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का दावा है कि नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) के तहत अब तक देश में विभिन्न वर्ग के करीब दस करोड़ लोगों को नशे की बुराइयों के प्रति संवेदनशील बनाया गया है।
मंत्रालय की मंगलवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है,“जमीनी स्तर पर की गई विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से 3.22 करोड़ से अधिक युवा और 2.14 करोड़ से अधिक महिलाओं सहित 9.91 करोड़ से अधिक लोगों को नशीले पदार्थों के उपयोग पर संवेदनशील बनाया गया है।” एनएमबीए को 15 अगस्त 2020 को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया और इस समय 372 चिन्हित सबसे पिछड़े जिलों में लागू किया जा रहा है।
बयान में कहा गया है कि 3.18 से अधिक लाख शिक्षण संस्थानों की भागीदारी के साथ इस अभियान यह सुनिश्चित किया है कि अभियान का संदेश देश के बच्चों और युवाओं तक पहुंचे। मंत्रालय के अनुसार 8,000 से अधिक मास्टर स्वयंसेवकों (एमवी) की एक मजबूत सेना तैयार की गयी है और हर एमवी को प्रशिक्षण दिया गया है।
इस अभियान में ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अभियान के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से जागरूकता फैलाई गई है। इसी तरह एनएमबीए मोबाइल एप्लिकेशन एनएमबीए गतिविधियों के डेटा को इकट्ठा करने और एकत्र करने और जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एनएमबीए डैशबोर्ड पर प्रस्तुत करने के लिए विकसित किया गया है।
मंत्रालय ने कहा है कि पिछले नौ वर्षों में, मंत्रालय ने छात्रवृत्ति, बुजुर्ग नागरिकों, सफाई कर्मचारियों और ट्रांसजेंडर लोगों के माध्यम से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के छात्रों सहित समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से कई योजनाएं और पहल शुरू की हैं।
एनएमबीए का उद्देश्य युवाओं के बीच मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना है, उच्च शिक्षा संस्थानों, विश्वविद्यालय परिसरों, स्कूलों पर विशेष ध्यान देना और समुदाय में पहुंचना और अभियान में समुदाय की भागीदारी और स्वामित्व हासिल करना है।
ओलंपिक पदक विजेता रवि कुमार दहिया, सुरेश रैना, अजिंक्य रहाणे, संदीप सिंह, सविता पूनिया जैसे खिलाड़ियों ने एनएमबीए के समर्थन में संदेश साझा किए हैं। एनएमबीए को समर्थन देने और जन जागरूकता गतिविधियों का संचालन करने के लिए द आर्ट ऑफ लिविंग, ब्रह्मा कुमारिस और संत निरंकारी मिशन जैसे आध्यात्मिक / सामाजिक सेवा संगठनों के साथ समझौता ज्ञापन किए गए हैं। राष्ट्रीय नशामुक्ति हेल्पलाइन ‘14446’ नशामुक्ति के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन, 14446 व्यक्तियों को पहली कॉल से ही प्राथमिक परामर्श और तत्काल रेफरल सेवाएं प्रदान करती है। हेल्पलाइन नंबर पर अब तक 2.8 से अधिक लाख कॉल्स आ चुकी हैं।