Saturday, November 2, 2024

ED ने चार्जशीट में किया दावा, लैंड फॉर जॉब घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता हैं लालू

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में “लैंड फॉर जॉब” मामले के संदर्भ में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। चार्जशीट के अनुसार, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तब उन्होंने रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले लोगों से रिश्वत के तौर पर ज़मीन ली थी। ईडी का दावा है कि इस ज़मीन का नियंत्रण यादव के परिवार के पास है, हालांकि इसे इस तरह से छिपाया गया कि सीधे तौर पर उनका नाम ज़मीन से जुड़ा न हो।

इस आरोप के मुताबिक, लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार ने घोटाले की साजिश इस तरीके से रची कि अपराध से अर्जित संपत्तियों का लाभ वे उठा सकें, लेकिन कानूनी रूप से इसका सीधा लिंक उनके नाम से न हो। ईडी ने यह भी कहा है कि परिवार ने ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया और इसे बेनामी संपत्तियों के रूप में रखा। इस मामले की जांच काफी समय से चल रही है, और यह आरोप लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए कानूनी रूप से गंभीर परेशानी पैदा कर सकता है।

चार्जशीट के मुताबिक प्रोसीड ऑफ़ क्राइम यानी अपराध से अर्जित आय को खपाने के लिए कई शेल कंपनियां खोली गई और उनके नाम पर जमीनें लिखवाई गईं। तफ्तीश के दौरान खुलासा हुआ कि रेलवे कीनौकरी और उसके नाम पर रिश्वत के तौर पर ज़मीन लेना दोनों लालू प्रसाद यादव ख़ुद तय कर रहे थे, इसमें उनका साथ दे रहा था उनका परिवार और करीबी अमित कत्याल।बतौर रिश्वत लिए गए कई ज़मीन के टुकड़े ऐसे थे जो कि लालू प्रसाद यादव के परिवार की ज़मीन के ठीक बराबर में स्थित थे। इन जमीनों को कौड़ियों के दाम पर खरीदा गया। अपराध की आय से लालू के परिवार और उनसे जुड़ी कंपनियों के पास जमीन के करीब सात टुकड़े आए हैं जो कि पटना के महुआ बाग में स्थित हैं जिनमें से चार ज़मीन अपरोक्ष और परोक्ष रूप से राबड़ी देवी से जुड़े हैं।

चार्जशीट के मुताबिक रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव का दानापुर के महुआ बाग गांव से पुराना नाता है क्योंकि ये पटना के राजकीय पशु चिकित्सा महाविद्यालय के पास स्थित है जहां लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के अन्य सदस्य 1976 में रहा करते थे। लालू प्रसाद यादव व्यक्तिगत रूप से जुलूमधारी राय (हजारी राय के भाई), किशुन देव राय (राबड़ी देवी को जमीन का टुकड़ा बेचने वाले), लाल बाबू राय और अन्य व्यक्तियों से परिचित थे, जो इस गांव के पुराने निवासी थे। इसके अलावा, लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों का नाता इस तथ्य के मद्देनजर स्पष्ट है कि  राबड़ी देवी ने वर्ष 1990 में बिक्री विलेख संख्या 1993 के तहत महुआ बाग में प्लॉट संख्या 1547 में एक टुकड़ा खरीदा था।

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