Wednesday, April 16, 2025

कृषि को उद्यम से जोड़कर बढ़ाई जाए किसानों की आय – योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को ‘कृषि भारत-2024 कार्यक्रम’ के उद्घाटन समारोह में कहा कि। किसानों को सूदखोरी के चंगुल से मुक्त करके स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर कर सकें, इस दिशा में ढेर सारे प्रयास देश में 10 वर्षों के अंदर हुए। अभी भी बेहतरी की गुंजाइश है। बेहतर तकनीक का उपयोग करते हुए हम कैसे कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ा सकते हैं, इस पर फोकस करना होगा। उन्होंने आगे कहा, “देश के अंदर अलग-अलग राज्यों के अपने अनुभव होंगे, अलग अलग एग्रीकल्चर क्लाइमेटिक जोन के अनुसार देश के विभिन्न क्षेत्रों ने उल्लेखनीय प्रगति की, विश्व में भी विषम परिस्थितियों के बीच ऐसा हुआ है। ऐसे में, अगर बेस्ट प्रैक्टिसेज को शेयर करते हैं तो बहुत कुछ हम लोग एक-दूसरे से सीख सकते हैं।” कृषि व प्रौद्योगिकी के इस चार दिनी महाकुंभ का आयोजन वृंदावन योजना मैदान में किया जा रहा है। उन्होंने कृषि को उद्यमिता से जोड़ने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर फोकस किया।

 

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कार्यक्रम से पूर्व सीएम योगी ने कंट्री पार्टनर नीदरलैंड्स के साथ द्विपक्षीय बैठक में भी हिस्सा लिया, जिसमें नीदरलैंड्स के उप कृषि मंत्री जैन कीस गोएट, नीदरलैंड्स की राजदूत मारिसा गेरार्ड्स की उपस्थिति में प्रतिनिधिमंडल संग बैठक की। उत्तर प्रदेश सरकार और नीदरलैंड्स के बीच 2 एमओयू भी साइन किए गए हैं और प्रदर्शनी के विभिन्न स्टॉल्स का सीएम योगी ने अवलोकन भी किया। 20,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में ‘कृषि भारत प्रदर्शनी’ का आयोजन हो रहा है, जहां कृषि के सतत विकास व नवाचार को शोकेस किया जा रहा है। कृषि, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उपकरण व कृषि सेवाओं और प्रौद्योगिकी से जुड़ी अन्य सेवाओं इस प्रदर्शनी में 250 से ज्यादा प्रदर्शक और एक लाख से अधिक कृषक और आगंतुक कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज कराएंगे। कृषि भारत का आयोजन सीआईआई द्वारा किया जा रहा है जो विश्व स्तरीय कृषि प्रौद्योगिकी प्रगति के प्रदर्शन के लिए राज्य तथा राष्ट्रीय पवेलियन के तौर पर कार्य करेगा।

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चार दिनी ‘कृषि भारत कार्यक्रम’ का शुभारंभ करते हुए सीएम योगी ने प्रदेश वासियों को श्री गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व, कार्तिक पूर्णिमा और धरती आबा और जनजातीय गौरव के प्रतीक भगवान बिरसा मुंडा के 150वें जन्मदिवस पर शुभकामनाएं दी। सीएम योगी ने सीआईआई का धन्यवाद करते हुए कहा कि वर्ष 2000 से सीआईआई एग्रोटेक का भारत में आयोजन कर रहा है। पहली बार यह आयोजन चंडीगढ़ से हटकर उत्तर प्रदेश में आयोजित हो रहा है जो काफी मायने रखता है। उत्तर प्रदेश में सीआईआई के साथ मिलकर नीदरलैंड्स पार्टनर कंट्री के रूप में और ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूगांडा, स्पेन, यूके जैसे देशों की सहभागिता के साथ ही कृषि से जुड़े एक्सपर्ट्स व स्टेकहोल्डर्स भी इस आयोजन में हिस्सा ले रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भारत की सबसे बड़ी आबादी निवास करती है। यह 17 प्रतिशत यानी 25 करोड़ है। देश की कुल कृषि योग्य भूमि का प्रदेश में केवल 11 प्रतिशत है, मगर हमारा कृषि उत्पादन देश के कुल एग्रीकल्चर प्रोडक्शन का 20 प्रतिशत है, जो कि हमारे उत्तम जल संसाधन और उर्वरा भूमि ताकत को दर्शाता है। इसमें अभी भी बहुत संभावनाएं हैं।

 

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वर्तमान में हमें डिजिटल एग्रीकल्चर और टेक्नोलॉजी के माध्यम से जो उत्पादन बढ़ाने में मदद मिली है उसे हम तीन से चार गुना बढ़ा सकते हैं। कृषि की लागत को कम करना और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ ही केमिकल फर्टिलाइजर पर निर्भरता को घटाकर प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने पर सीएम योगी ने फोकस किया। उन्होंने कहा कि किसानों को इसके बारे में जागरूक करना, बीज को बाजार में पहुंचाने की सुलभता, किसान को उपलब्ध कराने और कृषि को उद्यमिता से जोड़ते हुए एक व्यापक बदलाव की गुंजाइश है। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमने किसानों के हित के लिए अनेक कदम उठाए हैं। मृदा परीक्षण, कृषि बीमा, कृषि सिंचाई के साथ ही देश के अंदर 12 करोड़ अन्नदाता किसान सम्मान निधि का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि नीदरलैंड्स की राजदूत ने यूपी के अपने पिछले दौरे पर इन मुद्दों पर चर्चा की थी। यूपी और नीदरलैंड्स के बीच इसी से संबंधित दो महत्वपूर्ण एमओयू हुए हैं। गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट के अलावा बी2बी एमओयू भी हुए हैं।

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कार्यक्रम में सीएम योगी के साथ ही कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, मत्स्य पालन मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद, कृषि विपणन व खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह, चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह, सीआईआई के वरिष्ठ अधिकारी, इनवेस्ट यूपी के सीईओ अभिशेक प्रकाश, एसीईओ व एलडीए के वीसी प्रथमेश कुमार समेत नीदरलैंड्स के उप कृषि मंत्री जैन कीस गोएट, नीदरलैंड्स की राजदूत मारिसा गेरार्ड्स की प्रमुख उपस्थिति में प्रतिनिधि मंडल, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग, सीआईआई के अध्यक्ष व आईटीसी लिमिटेड के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक संजीव पुरी, तथा अन्य देशों से आए हुए प्रतिनिधि उपस्थित रहे। उद्घाटन सत्र से पहले सीएम योगी ने नीदरलैंड्स के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में हिस्सा लेते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश 25 करोड़ जनसंख्या के साथ ही सबसे उर्वरा भूमि और सबसे अच्छा जल संसाधन वाला राज्य भी है। उत्तर प्रदेश में एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर, डेयरी और फिशरी के क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम लोगों ने अच्छे प्रयास किए हैं, मगर अभी इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए असीम संभावनाएं हैं।

 

 

 

नीदरलैंड्स जैसे देशों के साथ इस शासन के अनुरूप आगे बढ़ते हैं तो उससे हमें अपने कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। यूपी में केंद्र व राज्य मिलकर छह कृषि विश्वविद्यालयों का हम संचालन कर रहे हैं, हर जिले में हमारे कृषि विज्ञान केंद्र भी हैं, जो किसानों को आधुनिक बीज व तकनीक उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाते हैं। सीआईआई के अध्यक्ष व आईटीसी लिमिटेड के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक संजीव पुरी ने कहा कि पहली बार एग्रोटेक का आयोजन लखनऊ में हो रहा है। यूपी एग्रीकल्चर का नया पावर हाउस है। सीएम योगी ने एग्रीकल्चर को एक नई दिशा दिखाई है। भारत के कृषि क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है। मॉडर्न टेक्नोलॉजी पर फोकस इस दिशा में सहायक सिद्ध हो रहा है।

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सस्टेनेबिलिटी की दिशा में भी उत्तम प्रयास किया गया है। 250 मिलियन टन से बढ़कर भारत आज 330 मिलियन टन उपज कर रहा है, मगर इसमें वृद्धि का अभी और पोटेंशियल है। कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि सस्टेनेबल एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने के लिए कृषि भारत 2024 के रूप में एक शानदार प्रयास किया गया है। महाकुंभ 2025 के पहले आज सीएम योगी के मार्गदर्शन में कृषि और प्रौद्योगिकी के महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, जो प्रदेश व देश में कृषि उत्पादन को बढ़ाने व प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य तक पहुंचाने में मील का पत्थर साबित होगा।

 

 

नीदरलैंड्स के उप कृषि मंत्री जैन कीस गोएट ने कहा कि नीदरलैंड्स को अपनी एग्रीकल्चरल एबिलिटी और कृषि क्षेत्र में तकनीक के इस्तेमाल के लिए जाना जाता है। भारत-नीदरलैंड्स में पार्टनरशिप व समन्वय के जरिए सभी चुनौतियों से निपटा जा सकता है। भारत का कृषि क्षेत्र उपलब्धियों और असीम संभावनाओं से भरा हुआ है जिसमें सहभाग करना हमारे लिए गर्व का विषय है। पूरी दुनिया में क्लाइमेट चेंज समेत कई चुनौतियां हैं जिनके समाधान की जरूरत है। हम अपनी एक्सपर्टीज शेयर करने के साथ ही भारत के अनुभव से काफी कुछ सीख रहे हैं।

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