यहां हम उन बातों को, उन नियमों को, उन आचरणों को दे रहे हैं जो हमारे बुजुर्ग हमें समझाते-समझाते परलोक सिधार गए। यदि आज भी हम इन कुछ नियमों को अपना लें तो निरोग बने रहेंगे।
* जनवरी महीने में धनिया खाने की मनाही है जबकि फरवरी में मिश्री बिल्कुल नहीं खानी चाहिए। चना पूरे वर्ष तो खा सकते हैं मगर मार्च के महीने में नहीं। यदि अप्रैल है तो गुड़ का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। मई में नया तेल खाना निषेध है। जून में दोपहरी के समय थोड़ा आराम जरूरी है। इस कड़कती धूप में चलना घातक हो सकता है।
* अब बात सुनें अगले 6 महीनों की। जुलाई के महीने में पक्का बेल खाने को रोका जाता रहा है। अगस्त महीने में साग खाने का निषेध है। सितम्बर के महीने में दही खाना स्वास्थ्य को क्षति पहुंचाता है। अक्टूबर है तो करेले का सेवन बिल्कुल भी न करें। नवम्बर के महीने में भूमि पर सोना सख्त मना है। दिसम्बर वर्ष का अन्तिम मास है, इस महीने में जीरा खाने पर रोक रहती है। इसे मानें।
* रात सोने से पूर्व ईश्वर को नमस्कार कर, उसका ध्यान कर, उस का धन्यवाद कर, गहरी नींद पाने की प्रार्थना के साथ सोंये।
* रात सोने से पूर्व यदि गरम दूध पीकर सोयें तो अच्छी नींद आती है। यदि दूध में शहद डाल लें तो सोने पर सुहागा।
* तांबे के बर्तन में पानी भरकर रात भर रखें। प्रात: दो गिलास की मात्रा पी जाएं। कब्ज कभी नहीं होगा।
* लकवा से बचने के लिए तथा दांतों को जीवन भर के लिए मजबूती प्रदान करने के लिए, शौच के समय दांतों को दबाकर बैठें।
* स्वप्न दोष से बचने के लिए तथा धातुक्षीणता की बीमारी से किनारा रखने के लिए छोटा सा टिप। खाना खाने के बाद पेशाब करें।
* डायबिटीज का ऐसा रोगी जिस के पेशाब में शुगर उतरता हो तो वह प्रात: जल्दी उठकर लम्बी दौड़ लगाने का अभ्यास जारी रखें तो उसका रोग बिना औषधि के अवश्य ठीक हो जाएगा।
* भोजन करने के बाद बायां स्वर बन्द करना स्वस्थ जीवन देता है।
* रात के भोजन के बाद 1 कदम टहलना नितांत आवश्यक है।
* यदि रात सोने से पूर्व दूध नहीं पीना हो तो पानी पीना ठीक है।
* यदि सम्भोग करना ही हो तो रात्रि के भोजन तथा सम्भोग के मध्य कम से कम 3 घन्टों का अन्तर जरूर हो।
* आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए मुंह में पानी भरें तथा आंखों पर ताजे पानी के छींटे डालें। बड़ा लाभ होगा।
(सुदर्शन भाटिया-विभूति फीचर्स)