Sunday, January 19, 2025

कैराना में सरकारी ज़मीन पर किया था कब्ज़ा, अदालत उठने तक की मिली सजा

कैराना : न्यायालय ने पांच अलग अलग मामलों में दस आरोपियों को सजा सुनाई। वही चौदह हजार सात सौ पंचास रुपये के अर्थदंड  से दंडित किया गया।
वर्ष 2001 में आरोपी साजिद पुत्र अली नवाज, इरशाद पुत्र फकरुदीन निवासीगण ग्राम गन्दराऊ के खिलाफ थाना कैराना में सरकारी भूमि पर कब्जा करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायालय ने आरोपियों को न्यायालय उठने तक की सजा सुनाई।
वर्ष 1995 में आरोपित ताहिर पुत्र मंजूर व शाहदीन पुत्र रहमत निवासीगण ग्राम मंडावर  के खिलाफ धारा गौवध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायालय ने आरोपियों को जेल में बितायी गयी अवधि की सजा सुनाई।
वर्ष 2017 में आरोपी नवाब पुत्र भूरादीन निवासी मौहल्ला आजाद चौक के खिलाफ थाना शामली के खिलाफ पशु क्रुरता
अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था। न्यायालय ने आरोपी को अर्थदंड से दंडित किया गया है। वर्ष 2009 में
आरोपी सुखवीर पुत्र कावश निवासी ग्राम बुच्चाखेड़ी के खिलाफ थाना कैराना में एनडीपीएस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायालय ने आरोपियों को अर्थदंड से दंडित किया गया है।
वर्ष 2002 में आरोपी श्यामू पुत्र ब्रह्मा, तहसीन पुत्र कालू, संजय पुत्र इलमचंद निवासीगण कस्बा जलालाबाद व बिशन पुत्र
हरदेवा निवासी इरशादपुर के खिलाफ थाना कैराना में गौवध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज गया था। न्यायालय ने आरोपियों  को जेल में बितायी गयी अवधि की सजा सुनाई। वही निर्धारित अर्थदंड अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है ।
कोर्ट ने पुलिस मुठभेड़ व अवैध हथियार बरामदगी के आरोपी को भी दोषी करार देते हुए दस वर्ष के कठोर कारावास व 1.25 लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
एसपी शामली रामसेवक गौतम ने बताया कि वर्ष-2013 में कैराना कोतवाली पर संदीप उर्फ भरतू निवासी ग्राम रोहटा
थाना सरुरपुर जनपद मेरठ के विरुद्ध पुलिस मुठभेड़ व अवैध हथियार बरामदगी के सम्बन्ध में अलग-अलग अभियोग पंजीकृत किये गए थे। पुलिस ने मुठभेड़ में गिरफ्तार आरोपी को चालान करते हुए जेल भेज दिया था। विवेचक ने मामले की तफ्तीश करके आरोप-पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। यह मामला कैराना स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश(एससी/एसटी विशेष) की अदालत में विचाराधीन था। शुक्रवार को कोर्ट ने आरोपी संदीप उर्फ भरतू को दोषी मानते हुए दस वर्ष के कठोर कारावास व 1.25 लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
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