हमास। हमास के सह-संस्थापक के सबसे बड़े बेटे मोसाब हसन यूसुफ का एक बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि “भारतीयों को कोई दिक्कत नहीं है, हिंदुओं को बाकी दुनिया से कोई दिक्कत नहीं है, ईसाई सहअस्तित्व में हैं, यहूदी सहअस्तित्व में हैं। तो यह हिंसा हर समय केवल इस्लामवादियों की ओर से ही क्यों आ रही है। मोसाब हसन यूसुफ का ये बयान उस वक्त आया है, जब हमास के खिलाफ इजराइल भीषण युद्ध लड़ रहा है और गाजा पट्टी में भीषण तबाही मची है। इससे पहले भी मोसाब हसन यूसुफ ने कहा था, कि वो 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल पर हुए हमास के हमले से वो जरा भी हैरान या हमास की क्रूरता से वो जरा भी आश्चर्यचकित नहीं हैं। मोसाब हसन यूसुफ ने भारतीय न्यूज चैनल टाइम्स नाउ से बात करते हुए भारत के लोगों से हमास के खिलाफ खड़ा होने की अपील की है।
यूसुफ ने कहा, कि “स्थापना के बाद से, हमास के दिमाग में एक ही लक्ष्य है, जो इज़राइल राज्य को नष्ट करना है।” उन्होंने कहा, कि “यह कोई रहस्य नहीं है, कि हमास इजराइल राज्य को नष्ट करना चाहता है। वे इजराइल को स्वीकार नहीं कर सकते या इजराइल के अस्तित्व के अधिकार को स्वीकार नहीं कर सकते।” यूसुफ हमास के सह-संस्थापक शेख हसन यूसुफ के बेटे हैं। 2000 के दशक की शुरुआत में दूसरे इंतिफादा के दौरान शिन बेट के आतंकवादी हमलों को विफल करने में मदद करने के उनके प्रयासों के लिए उन्हें “ग्रीन प्रिंस” (उनकी आत्मकथा पर आधारित 2014 वृत्तचित्र का शीर्षक भी) करार दिया गया था। युसूफ ने कहा, कि उनका जन्म रामल्ला में हुआ था और उन्हें 1986 में हमास की स्थापना अच्छी तरह याद है।
आपको बता दें कि 7 अक्टूबर को 2,500 से ज्यादा हमास आतंकवादियों ने जमीन, हवा और समुद्र से दक्षिणी इज़राइल पर हमला किया था, जिसमें 1,400 लोगों की हत्या कर दी गई, जिनमें से ज्यादातर नागरिक थे। वहीं, हमास ने 30 बच्चों सहित 230 लोगों का अपहरण कर लिया।
वही हमास नियंत्रित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है, कि इजराइली हमले में अभी तक 8 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इजराइस के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास का नामोनिशान मिटा देने की कसम खाई है। वहीं, हमास अभी भी बंधक बनाए गये इजराइली या फिर विदेशी नागरिकों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। हमास ने अपने ताजा बयान में कहा है, कि वो धीरे धीरे विदेशी नागरिकों को आने वाले दिनों में छोड़ना शुरू करेगा।