Friday, November 22, 2024

राजा बाल्मीकि हत्याकांड में पारस जैन की ज़मानत अर्जी पर सुनवाई एक माह के लिए टली

खतौली। चर्चित राजा बाल्मिकी हत्याकांड में जिला कारागार में निरुद्ध पूर्व पालिका चेयरमैन से सभासद बने पारस जैन की ज़मानत अर्जी पर हाई कोर्ट में मंगलवार को होने वाली सुनवाई एक माह के लिए टल गई है। जिसके चलते पारस जैन को जेल की सलाखों से बाहर आने के लिए अभी और प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। भाजपा नेता राजकुमार उर्फ राजा बाल्मिकी की 5 अप्रैल 2017 को गोली मारकर नृशंस हत्या कर दी गई थी।

मृतक के भाई राणा प्रताप ने कई अन्यों के अलावा तत्कालीन पालिका चेयरमैन पारस जैन पर अपने भाई की हत्या के षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया था। पुलिस ने अन्य नामजद अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करके पारस जैन को क्लीन चिट दे दी थी। वादी मुकदमा राणा प्रताप की अर्जी पर अदालत ने धारा 319 के अंतर्गत पारस जैन के तलबी आदेश कर दिए थे। तलबी आदेश के विरुद्ध हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत ना मिलने पर पारस जैन ने अप्रैल 2०23 में एडीजे कोर्ट 2 मुजफ्फरनगर में पेश होकर अग्रिम और नियमित ज़मानत दिए जाने की अर्जी दाखिल की थी।

अदालत ने पारस जैन को पहले अग्रिम तथा कुछ दिन बाद नियमित ज़मानत दे दी थी। जिसके विरुद्ध वादी मुकदमा राणा प्रताप द्वारा अपील करने पर हाईकोर्ट ने एडीजे कोर्ट मुजफ्फरनगर द्वारा पारस जैन को दी गई ज़मानत को निरस्त करके निचली अदालत में पेश होने का आदेश दिया था। पूर्व चेयरमैन पारस जैन ने उच्च न्यायालय के आदेश पर राहत पाने के लिए 18 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। बीती 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने पारस जैन की अपील निरस्त करके इन्हें बीती 17 मई तक निचली अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। बीती 15 मई को पारस जैन ने एससीएसटी कोर्ट मुजफ्फरनगर में आत्मसमर्पण करके अग्रिम और नियमित ज़मानत की अर्जी दाखिल की थी। एससीएसटी कोर्ट के न्यायाधीश अशोक कुमार ने अग्रिम जमानत अर्जी ख़ारिज करके पारस जैन को जेल भेजने के बाद बीती 22 मई को इनकी नियमित ज़मानत अर्जी भी ख़ारिज कर दी थी। तभी से पारस जैन जिला कारागार में निरुद्ध है।

बताया गया पारस जैन के परिजनों द्वारा 4 जून को हाई कोर्ट में जमानत अर्जी लगाए जाने पर अगली सुनवाई की तारीख 11 जून की मुकर्रर हुई थी। बताया गया कि मंगलवार को हाई कोर्ट में पारस जैन की जमानत अर्जी पर सुनवाई की अगली तारीख 18 जुलाई की मुकर्रर हुई है। जिसके चलते पारस जैन को जेल की सलाखों से बाहर आने के लिए अभी लंबा इंतज़ार करना पड़ेगा। चर्चा है कि 18 जुलाई से पूर्व ही राजा बाल्मिकी मर्डर केस में पारस जैन के बरी अथवा दोषी सिद्ध होने का भी फैसला आ सकता है।

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