मुजफ्फरनगर। महामृत्युंजय सेवा मिशन के अध्यक्ष पंडित संजीव शंकर ने कहा है कि हिंदू पंचांग के अनुसार होली उत्सव हिंदू वर्ष का आखिरी बड़ा उत्सव है। यह ऐसा बड़ा सार्वजनिक यज्ञ है, जिसमें समस्त जनमानस को आहुति देने का प्रावधान है, महामृत्युंजय सेवा मिशन अध्यक्ष संजीव शंकर ने बताया कि आगामी 13-14 मार्च को होली उत्सव मनाया जाएगा ।
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13 मार्च को होलिका दहन व 14 मार्च को फाग उत्सव है, होलिका दहन का समय वैसे तो भद्रा रहित होना चाहिए परंतु दिवाकर पंचांग के अनुसार भाद्रा के पुच्छ काल में भी होलिका दहन किया जा सकता है जो शाम 7:00 बजे से 8:18 तक है, इसके बाद भद्रा रात्रि में 11:31 पर समाप्त हो रही है, अतः इस समय के बाद और 12:37 से पहले भी होलिका दहन का भद्रा रहित मुहूर्त है।
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यह पर्व जाति-भेद, ऊंच-नीच मिटा कर साधारण जन मानस के लिए साधारण रूप से बनाए जाने वाला विशाल पर्व हैं, जिसमें समाज का छोटी से छोटा व्यक्ति भी हिस्सा ले सकता है। होलिका दहन में शुद्धता का ध्यान रखते हुए अपनी विसंगतियों की आहुति दे और सभी को गले लगाकर इस उत्सव का आनंद ले।