उम्र बढऩे के साथ कई स्वास्थ्य समस्याओं के साथ एक और समस्या नींद न आने का भी सामना करना पड़ता है। नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे तनाव, सोने की गलत आदतें, बहुत अधिक दिमागी काम या बहुत कम शारीरिक श्रम। इसके अतिरिक्त बहुत अधिक शोर, जगह का बदलना भी नींद न आने का कारण हो सकते हैं।
अनिद्रा स्वयं तो एक रोग है ही, यह अन्य रोगों जैसे फेफड़ों के रोग, तनाव, हृदय रोगों, नपुंसकता, कमजोरी, कब्ज आदि का भी कारण बन सकती है। अच्छी नींद आने के लिए कुछ परिवर्तन आवश्यक हैं।
चाय, काफी, कोल्ड ड्रिंक्स की मात्र कम करें और सोने से पहले तो इन पेयों का सेवन बिल्कुल न करें।
तनाव को दूर करने के लिए मेडिटेशन करें। सोने से पहले चिंताओं को एक तरफ रख दें। सोने से पहले किसी मंत्र का जाप करने से भी अच्छी नींद आती है।
नियमित व्यायाम करिए परन्तु सोने से तीन घंटे पूर्व ही करें। सुबह की सैर करें।
अल्कोहल का सेवन कम करें। इससे आपको एकदम नींद तो आती है परन्तु कुछ देर बाद अनिद्रा की समस्या महसूस करेंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार कैल्शियम (1००० एम. जी.) और मैग्नीशियम (5०० एम जी) का सोने से पूर्व सेवन मांसपेशियों को आराम और स्नायुमंडल को शांति देता है। अगर आप किसी दवाई का सेवन कर रहे हैं तो उसका भी नींद पर प्रभाव पड़ सकता है। कुछ दवाइयां जैसे अस्थमा व खांसी के रोगों में ली जाती हैं, उसका प्रभाव भी नींद पर पड़ता है।
अगर आपको ऐसा महसूस हो कि उस दवाई के कारण आपको नींद नहीं आ रही है तो डॉक्टर से परामर्श लें। सोते समय अपनी सांस लेने की प्रक्रिया पर ध्यान दें। नींद की गोलियों से दूर रहने का प्रयत्न करें।
– सोनी मल्होत्रा