गाजियाबाद। बंगाल में हालिया हिंसा और हिंदुओं की दुर्दशा को लेकर गहरी पीड़ा व्यक्त करते हुए शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर एवं श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने हरिद्वार पहुंचकर जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी जी महाराज से भेंट की। उन्होंने बंगाल की घटनाओं पर चिंता जताते हुए धर्मगुरुओं की निष्क्रियता को लेकर भी सवाल उठाए।
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यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि यदि सनातन धर्म के धर्मगुरु यूं ही निष्क्रिय बने रहे तो सनातन धर्म की जड़ें खत्म हो जाएंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि आज पूरी दुनिया में इस्लामिक कट्टरपंथ मानवता को त्रस्त कर रहा है और हिंदुओं के साथ अमानवीय अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश और पाकिस्तान के बाद अब पश्चिम बंगाल में भी हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है, लेकिन न कोई धर्मगुरु, न कोई नेता और न ही कोई संगठन इस पर आवाज़ उठा रहा है।”
महामंडलेश्वर ने कहा कि यदि हम प्रत्यक्ष रूप से कुछ नहीं कर सकते, तो कम से कम मंदिरों में प्रार्थना और यज्ञ के माध्यम से सनातन धर्म के शत्रुओं के विनाश की प्रार्थना तो कर ही सकते हैं। उन्होंने इसे “धर्मरक्षा का पहला कदम” बताया।
इस मुलाकात में यति नरसिंहानंद गिरी के साथ डॉ. उदिता त्यागी और यति अभयानंद गिरी भी मौजूद रहे। उन्होंने श्रीमहंत हरिगिरी महाराज से अपील की कि इस विषय को सभी संतों के समक्ष रखा जाए और कोई ठोस कदम उठाया जाए।
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श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने यति नरसिंहानंद की चिंता को गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया कि वे अन्य संतों के समक्ष यह मुद्दा उठाएंगे। साथ ही उन्होंने आदेश दिया कि धर्मरक्षा का एक बड़ा अनुष्ठान हरिद्वार के माया देवी मंदिर से आरंभ किया जाए, जो सनातन धर्म की रक्षा के लिए सतत रूप से चलता रहे। इस आदेश को महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने सहर्ष स्वीकार करते हुए इस महायज्ञ के लिए संकल्प लिया।