अलीगढ़। अलीगढ़ में एक खौफनाक वारदात सामने आई है जिसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमें एक 19 साल के बेटे ने मां-बाप की बेरहमी से हत्या कर दी। वीडियो में दिख रहा है कि बेटा पिता के गले पर ताबड़तोड़ कैंची से वार करता है। फिर सीने पर हाथ रखकर चेक करता है कि वह जिंदा है या नहीं। इसके बाद, पेट पर ताबड़तोड़ वार करता है।
बता दें कि युवक ने कमरे को अंदर से बंद करके वारदात को अंजाम दिया। जबकि बहनें खिड़की से भाई को रोकती रहीं, चिल्लाती रहीं…लेकिन वह नहीं माना। शोर सुनकर पड़ोसी भी पहुंचे। उन्होंने भी मना किया। वारदात बुधवार देर रात करीब 12:45 बजे की है। पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला है कि लड़के को वहम हो गया था कि महिला उसकी सौतेली मां हैं। इसलिए, वह उसे परेशान करती है।
पूरा मामला अलीगढ़ के क्वार्सी थाने के जाकिर नगर की है। यहां इशहाक (62), पत्नी शहजादी बेगम (57), दो बेटों और दो बेटियों के साथ किराए के मकान में रहते थे। वह घर की पहली मंजिल पर रहते थे। जहां केवल एक कमरा बना था बाकी छत थी।
इशहाक की बड़ी बेटी की उम्र 22 साल और बेटे गुलामुद्दीन की उम्र 19 साल है। बाकी एक बहन और एक भाई छोटा है। इस खौफनाक वारदात को गुलामुद्दीन ने अंजाम दिया है। वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बीकॉम सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रहा था। परिवार मूल रूप से रामपुर जिले का रहने वाला था।
पुलिस के मुताबिक, वारदात के समय उसकी दोनों बहनें और एक छोटा भाई भी घर में थे। बुधवार रात को गुलामुद्दीन, अपने मां-बाप के साथ कमरे में सो रहा था। जबकि बाहर छत पर बहन और भाई सोए थे।
रात में 12 बजे के बाद किसी बात पर मां से गुलामुद्दीन की बहस हुई। अचानक उसने कमरे में रखे हुए हथौड़े को मां के सिर पर मार दिया। इससे उनकी मौके पर मौत हो गई। पिता ने उसे रोकने की कोशिश की तो कैंची से उन पर भी वार करने शुरू कर दिए। एक के बाद एक 50 से ज्यादा वार पेट और सीने में किए।
जब माता-पिता के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनी तो बाहर सो रहीं बहनें जग गईं। उन्होंने खिड़की खोलकर अंदर देखा तो घबरा गईं। तुरंत चिल्लाकर पड़ोसियों को बुलाया। पड़ोसियों ने खिड़की से चिल्लाकर गुलामुद्दीन को रोकने की कोशिश की। लेकिन, उसने किसी की नहीं सुनी।
एक के बाद एक वार करता चला गया। गुलामुद्दीन का हैवानों वाला व्यवहार देखकर पड़ोसी सहम गए। किसी ने दरवाजा तोड़कर कमरे में जाने की हिम्मत नहीं की। बल्कि पुलिस को सूचना दी। मां-बाप की हत्या के बाद गुलामुद्दीन कमरे में एक कोने में जाकर चुपचाप बैठ गया।
क्वार्सी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची तो कमरा बंद था। पुलिस ने आवाज दी तो करीब 15 मिनट बाद गुलामुद्दीन ने दरवाजा खोला। बहनें-भाई रोते-चीखते रहे…लेकिन वह चुपचाप पुलिस के साथ चला गया। जरा सी भी हरकत नहीं की। अंदर खून से लथपथ माता-पिता की लाश देखकर दोनों बहन बेहोश होकर गिर गईं। पड़ोसियों ने उनको संभाला। इशहाक पास की ही एक मस्जिद में मौलवी था।
पुलिस ने बताया कि करीब 3-4 घंटे तक थाने में गुलामुद्दीन चुपचाप बैठा रहा। उसने पुलिस के एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया। बाद में बुधवार सुबह जब सीनियर अफसरों ने उससे पूछताछ की तो उसने कुछ सवालों के जवाब दिए। हत्या की वजह बताई।
वहम हो गया था कि मां सौतेली है
पुलिस के मुताबिक, गुलामुद्दीन को वहम हो गया था कि महिला उसकी सौतेली मां है। जब पुलिस ने ऐसा वहम होने की वजह पूछी तो उसने बताया कि दो साल पहले उसे कोरोना हुआ था। तब किसी ने बताया था कि उसका डीएनए पिता से मैच करता है। मां से नहीं। तभी से उसको यह वहम था।
ऐसे में मां जब भी पढ़ाई-लिखाई को लेकर गुलामुद्दीन को कुछ कहती थी तो वह तुरंत उनसे झगड़ने लगता था। उसको यह लगता था कि वह सौतेला है, इसलिए उसके साथ ऐसा बर्ताव किया जा रहा है। पिछले तीन-चार दिनों से भी मां बेटे के बीच कई बार विवाद हुआ।
अलीगढ़ एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। उसके माता-पिता की लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। बेटे ने मां-बाप की हत्या की है। ऐसा उसने क्यों किया? इसकी जांच की जा रही है। क्या आरोपी बेटा मानसिक बीमार है? इस सवाल के जवाब पर एसएसपी ने कहा कि यह भी जांच की जाएगी। अगर जरूरत पड़ी तो साइकेटिस्ट की मदद ली जाएगी।