मोरना। पति-पत्नी के बीच जारी विवाद में छ: वर्षीय बालक को जबरदस्ती ले जाने का आरोप पिता ने ससुराल पक्ष पर लगाते हुए पुलिस से पुत्र को बरामद करने की गुहार लगाई थी। बुधवार को दोनों पक्षों के बीच घंटो चली गहमा-गहमी के बाद सी डब्लू सी द्वारा बालक को उसकी इच्छा अनुसार पिता की सुपुर्दगी में दे दिया गया।
मेरठ में दलित युवक के चेहरे पर कर दिया पेशाब, गंगाजल चढ़ाने से रोका, हाथ भी तोडा
भोपा थाना क्षेत्र के गांव मोरना निवासी गौरव ने बताया कि उसकी शादी जुलाई 2017 मे मेरठ जनपद के थाना फलावदा क्षेत्र के गांव समसपुर मे कल्पना से हुई थी। जून 2018 मे कल्पना ने पुत्र धैर्य को जन्म दिया। आरोप है कि कल्पना धैर्य की देखभाल उचित ढंग से नहीं करती थी। डेढ़ वर्ष पूर्व कल्पना धैर्य को छोड़कर अपने मायका में रह रही है।
धैर्य का पालन पोषण उसके पिता व दादा दादी कर रहे हैं। बीते 8 नवंबर को कल्पना ने मेरठ जनपद में न्यायपीठ बाल कल्याण समिति को पत्र देकर कस्टडी मांगी तो समिति के समक्ष धैर्य ने पिता के साथ रहने की इच्छा को जाहिर किया तो धैर्य को पिता की सुपुर्दगी में दे दिया गया।
मीनाक्षी स्वरुप ने फिर किया एक्शन, सफाई नायक को किया पदावनत, दो सफाई कर्मियों का वेतन भी काटा
गौरव ने आरोप लगाया कि अगले दिन 9 नवंबर को जब उसकी माता कामेश देवी घर पर अकेली थी, धैर्य वहां खेल रहा था किम ननिहाल पक्ष वाले उसे जबरदस्ती साथ ले गये, जिसके संबंध मे भोपा थाना पर गौरव द्वारा तहरीर देकर पुत्र की वापस बरादगी की मांग की गई।
मुज़फ्फरनगर में डेयरी संचालक की हत्या में पूरे परिवार को उम्रकैद, 10 हज़ार का जुर्माना भी लगाया
बुधवार को दोनों पक्ष थाने पर पहुंचे और पुत्र धैर्य को अपने अपने साथ रखने को बहस करने लगे। पुलिस द्वारा धैर्य को मुजफ़्फरनगर बाल कल्याण समिति के समक्ष ले जाया गया जहां धैर्य ने पुनः पिता के ही साथ रहने की इच्छा ज़ाहिर की, जिस पर धैर्य को पिता को सौंप दिया गया।