शामली। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए गन्ना मूल्य यथावत रखने का निर्णय लिया है।जिससे प्रदेश के लाखों किसानों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है और इस झटके से जाटलैंड के किसानों का दर्द छलका है। किसानों का कहना है कि सरकार को सिर्फ भगवान दिख रहे है किसान नही।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार का बजट सत्र शुरू होने से पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए 2024- 25 का गन्ना समर्थन मूल्य यथावत रखने का निर्णय लिया है। जिससे किसान मायूस नजर आ रहा है। किसानों को उम्मीद थी कि सरकार इस बार भी गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाएगी। किसान पिछले काफी समय से लगातार गन्ने की पैदावार करने में हुई खर्च की बढ़ोतरी से परेशान थे और वह गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग भी कर रहे थे।
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किसानों का कहना है कि पिछले वर्ष गन्ने के समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा 20 रुपए की वृद्धि की गई थी। लेकिन पिछले वर्ष से लेकर अब तक खाद,बीज उर्वरक,डीजल और कृषि यंत्रों के दाम काफी बढ़े हुए है। लेकिन सरकार ने उनके गन्ना समर्थन मूल्य को उपरोक्त के सापेक्ष नही बढ़ाया है। उत्तर प्रदेश सहित जाटलैंड के किसान मायूस दिखाई दे रहे है।
जहा शामली शुगर मिल में गन्ना डालने आए किसान रामतीर्थ ने बताया की सरकार को सिर्फ भगवान दिखाई दे रहे है।लेकिन किसान नजर नहीं आ रहे है। भगवान तो मंदिर में बैठे है लेकिन ये जो योगी मोदी है इन्हे खुश करने का कोन सा तरीका है वो किसानों को मालूम नही अगर मालूम हुआ तो किसान इन्हे भी किसान खुश करेंगे ताकि उन्हें किसान की स्तिथि दिख सके।
सरकार के निर्णय से मायूस किसान ने जयंत चौधरी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि हमने शामली से जयंत चौधरी को बड़ी उम्मीदों से विपक्ष में रहते हुए तीन सीटें देकर किसानों की आवाज बुलंद करने के लिए भेजा था। लेकिन वह भी भाजपा की गोद में जाकर बैठ गए है और किसानों को मायूसी के सिवा कुछ नहीं मिला। यह वही जयंत चौधरी है जो दो वर्ष पहले इसी गन्ने के भाव को लेकर किसानों के साथ शामली की धरती पर धरने पर बैठे थे और अब भाजपा के साथ बैठे है लेकिन कुछ कह नहीं सकते।