Friday, November 22, 2024

रागिनी के नाम पर धार्मिक मेले में अश्लीलता का तांडव, जमकर कार्यक्रम में चले लात घुसे खूब लुटाए पैसे

शामली। धार्मिक मेले की संस्कृति और प्राचीनता को चोट पहुंचाते हुए मेले में शिक्षा के मंदिर में ही आयोजित रागिनी के नाम पर कार्यक्रम में जमकर ठुमके लगाए गए द्विअर्थी और अश्लील शब्दों से मिले गानों पर जमकर ठुमके लगे। युवाओं ने खूब नोट उड़ाए। वही जिम्मेदार जनप्रतिनिधि भी नोट उड़ाते और ठुमके लगाते नजर आए। कार्यक्रम में बीच में ही कुछ लोगों में जमकर लात घूसे चले कई बार कार्यक्रम बीच में ही रोकना पड़ा। पुलिस की मौजूदगी में अश्लीलता का तांडव हुआ। जिसको लेकर इंटरनेट मीडिया में मेला आयोजन कमेटी की जमकर थू-थू हो रही है।

 

 

शामली जनपद के कस्बा थानाभवन में जाहरवीर गोगा म्हाड़ी के तत्वाधान में एक धार्मिक मेले का आयोजन किया जा रहा है। वहीं मेले में काला जादू के नाम पर अश्लील वीडियो डांस की वायरल होने के बाद मेला कमेटी एवं विश्व हिंदू महासंघ के लोगों ने आपत्ति जताई थी। जिसके बाद काला जादू में डांस को बंद कराया गया था।विश्व हिंदू महासंघ गो रक्षा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रामकुमार उर्फ आशु सैनी ने उपजिला अधिकारी शामली को एक पत्र देते हुए कहा था कि मेले में मेला ठेकेदार एवं मेला कमेटी 29 सितंबर को एक कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।

 

 

जिसको रागिनी का एवं सांस्कृतिक नाम देकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। वहीं मेले में ऐसे कार्यक्रम में अश्लीलता एवं फूहड़ता परोसी जाती है। जिस जगह यहां आयोजन हो रहा है वह किसान इंटर कॉलेज का प्रांगण है। शिक्षा के मंदिर में अश्लीलता फैलने पर खूब चर्चा हो रही है। वही धार्मिक मेले में इस तरह के आयोजन मेले की आस्था एवं धार्मिकता और सांस्कृति पर चोट करते हैं। उन्होंने बताया था कि पूर्व में भी ऐसे आयोजनों में कई बार विवाद हो चुके हैं और ऐसे आयोजनों में कुछ आवारा किस्म के लोग शराब का सेवन करके पहुंचते हैं जो मेले में आने जाने वाली महिला पर फब्तियां कसते हैं और इन्हीं कई कारणों से विवाद भी होता है।

 

 

वही रागिनी के नाम पर आयोजित कार्यक्रम में द्विअर्थी और अश्लील शब्दों से बने गानों पर जमकर ठुमके लगाए गए। जिसमें लोगों ने ठुमका लगाने वाली महिलाओं पर जमकर नोट उड़ाए। साथ ही साथ कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी स्टेज पर ऐसी महिला पर नोट उड़ाते और उनके साथ ठुमके लगाते दिखाई दिए। कई बार कार्यक्रम को देख रहे लोगों में जमकर लात घूसे चले जिसके कारण कई बार कार्यक्रम को बीच में ही रोकना पड़ा। कार्यक्रम में पुलिस भी मौजूद रही। पुलिस की मौजूदगी में ही यह सारा तांडव होता रहा।

 

 

साथ ही नगर पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी भी ऐसे कार्यक्रम में मौजूद रहे। जिसमें मेले की धार्मिक आस्था एवं संस्कृति का कोई ख्याल नहीं रखा गया। रागिनी के नाम पर अश्लीलता एवं फूहड़ता परोसने वाली कई सारी वीडियो इंटरनेट मीडिया में जमकर वायरल हो रही है। जिसमें सभ्य समाज के लोग मेला कमेटी और ऐसे कार्यक्रम करने वालों पर कमेंट कर रहे हैं आयोजको की किर-किरी हो रही है। विश्व हिंदू महासंघ के गौ रक्षा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष रामकुमार उर्फ़ आशु सैनी ने कहा है कि हमने पहले ही उप जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया था लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। फिर अधिकारियों को पहले से सचेत करने का क्या ओचित्य रह जाता है। अधिकारियों को पत्र देने के बाद भी जिन लोगों ने धार्मिकता और संस्कृति के नाम पर अश्लीलता परोसी है ऐसे लोगों पर नियमानुसार मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए।

कार्यक्रम आयोजन के पीछे पैसा कमाना मकसद

हर वर्ष मेले का आयोजन होता है और मोटी रकम में मेले का ठेका छोड़ा जाता है इस लाखों की रकम की बंदर बांट करने के लिए कुछ लोग मेला नगर पंचायत कमेटी के नेतृत्व में सार्वजनिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर ऐसे कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। जिसमें करीब ₹100 का टिकट रखा जाता है। हजारों लोग महंगा टिकट खरीद कर कार्यक्रम में पहुंचते हैं। जबकि सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर लाखों रुपया का खर्च दिखाया जाता है। जिसकी बंदर बाट की जाती है इसीलिए हर वर्ष मेले में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम मेला कमेटी की ओर से आयोजन होता है।

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