नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत ने आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को मौत की सजा के खिलाफ कतर के समक्ष अपील दायर की है, जिन्हें पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था और पिछले महीने सजा सुनाई गई थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “कतर में प्रथम दृष्टया अदालत है जिसने 26 अक्टूबर को अल दहरा कंपनी के आठ भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में फैसला सुनाया।”
उन्होंने कहा कि फैसला “गोपनीय” है और इसे कानूनी टीम के साथ साझा किया गया है।
बागची ने कहा, “और वे अगले कदम पर फैसला कर रहे हैं और एक अपील पहले ही दायर की जा चुकी है।”
उन्होंने कहा कि हम कतर के अधिकारियों से भी बातचीत कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “7 नवंबर को हमारे दूतावास को कांसुलर एक्सेस मिला और हमने उनसे वहां मुलाकात की। हम उनके परिवार के सदस्यों के भी संपर्क में हैं और मंत्री एस जयशंकर ने पिछले महीने दिल्ली में उनसे मुलाकात की थी।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह बेहद संवेदनशील मुद्दा है। उन्होंने कहा, “हम सभी कानूनी और राजनयिक समर्थन देना जारी रखेंगे और मैं सभी से आग्रह करूंगा कि मामले की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए अटकलों में शामिल न हों।”
कतर के अधिकारियों द्वारा इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाए जाने के बाद पिछले साल आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन लोगों में सम्मानित अधिकारी भी शामिल हैं, जिन्होंने एक बार प्रमुख भारतीय युद्धपोतों की कमान संभाली थी, वे दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे, जो एक निजी कंपनी थी जो कतर के सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण और संबंधित सेवाएं प्रदान करती थी।
पूर्व नौसेना कर्मियों की जमानत याचिकाएं कई बार खारिज कर दी गईं और कतरी अधिकारियों ने उनकी हिरासत बढ़ा दी। कतर की अदालत ने उन्हें ००मौत की सजा देने का फैसला सुनाया है।