केवडिया (गुजरात)। गुजरात के केवडिया में राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि इस बार का राष्ट्रीय एकता दिवस अद्भुत संयोग लेकर आया है। एक तरफ आज हम एकता का उत्सव मना रहे हैं, दूसरी तरफ दीपावली का भी पावन पर्व है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दीपावली दीपों के माध्यम से पूरे देश को जोड़ते हुए प्रकाशमय बना देती है। दीपावली का पर्व देश को दुनिया से भी जोड़ रहा है। अनेक देशों में इसे राष्ट्रीय उत्सव की तरह मनाया जा रहा है। मैं देश और दुनिया में बसे सभी भारतीयों को, भारत के शुभचिंतकों को, दीपावली की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि इस बार का एकता दिवस एक और वजह से भी विशेष है। आज से सरदार पटेल का 150वां जन्मजयंती वर्ष शुरू हो रहा है। आने वाले दो साल तक देश सरदार पटेल की 150वीं जन्मजयंती का उत्सव मनाएगा। ये भारत के प्रति उनके असाधारण योगदान के प्रति देशवासियों की कार्यांजलि है। दो वर्ष का ये उत्सव ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के हमारे संकल्प को मजबूत करेगा।
यह अवसर हमें सीख देगा कि असंभव से दिखने वाले काम को भी संभव बनाया जा सकता है। जब भारत को आजादी मिली थी तो दुनिया में कुछ लोग थे, जो भारत के बिखरने का आकलन कर रहे थे। उन लोगों को जरा भी उम्मीद नहीं थी कि सैकड़ों रियासतों को एकजुट करके फिर से एक भारत का निर्माण हो पाएगा। लेकिन सरदार साहब ने ये करके दिखाया। यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि सरदार साहब व्यवहार में यथार्थवादी, संकल्प में सत्यवादी, कार्य में मानवतावादी और ध्येय में राष्ट्रवादी थे। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों की नीतियों में और नीयत में भेदभाव का भाव भी देश की एकता को कमजोर करता रहा है। बीते 10 वर्षों में देश में सुशासन के नए मॉडल ने भेदभाव की हर गुंजाइश समाप्त की है। हमने ‘सबका साथ, सबका विकास’ का रास्ता चुना है। आज ‘हर घर जल’ योजना में बिना भेदभाव जल पहुंचाने का प्रयास हो रहा है।
आज पीएम किसान सम्मान निधि सबको मिलती है। आज पीएम आवास के घर मिलते हैं। आज बिना भेदभाव आयुष्मान योजना का लाभ मिलता है। सरकार के इस अप्रोच ने समाज में, लोगों में दशकों से व्याप्त असंतोष को समाप्त किया है। इस वजह से लोगों का सरकार पर भरोसा बढ़ा है, देश की व्यवस्थाओं पर भरोसा बढ़ा है। विकास और विश्वास की यही एकता ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण को गति देती है। पीएम मोदी ने कहा कि बीते 10 साल में भारत ने ऐसे अनेक मुद्दों का समाधान किया है, जो राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा थे। आज आतंकियों के आकाओं को पता है कि भारत को नुकसान पहुंचाया तो भारत उन्हें छोड़ेगा नहीं। आप नॉर्थ ईस्ट में देखिए, कितने बड़े संकट थे। हमने संवाद से, विकास और विश्वास से, अलगाव की आग को शांत किया। बोडो समझौते ने असम में 50 साल का विवाद खत्म किया है।
असम और मेघालय के बीच के सीमा विवाद को काफी हद तक हम सुलझा चुके हैं। जब 21वीं सदी का इतिहास लिखा जाएगा तो उसमें एक स्वर्णिम अध्याय होगा कि कैसे भारत ने दूसरे और तीसरे दशक में नक्सलवाद जैसी भयानक बीमारी को जड़ से उखाड़कर फेंका। आज दुनिया देख रही है कि भारत कैसे अपने संकटों का मजबूती के साथ समाधान कर रहा है। आज दुनिया देख रही है कि भारत कैसे एकजुट होकर, दशकों पुरानी चुनौतियों को समाप्त कर रहा है इसलिए हमें इस महत्वपूर्ण समय पर अपनी एकता को सहेज कर रखना होगा।