नयी दिल्ली। भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री (भारत में डायरेक्ट सेलिंग) उद्योग कोरोना महामारी के दौर की चुनौतियों से उबर कर फिर तेजी की राह पर है और इसका कारोबार वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 21282 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इंडियन डायरेक्ट सैलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) की सर्वेक्षण रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई।
यह रिपोर्ट बाजार अनुसंधान फर्म कंतार द्वारा संकलित की गयी है। आईडीएसए के एक आयोजन में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जी. कमला वर्धन राव ने यह रिपोर्ट जारी करते हुए इसके लिए आईडीएसए को बधाई दी।
रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की कुल बिक्री में वर्ष 2021-22 के मुकाबले वर्ष 2022-23 में 2252 करोड़ रूपये की वृद्धि दर्ज की गयी है।
आईडीएसए के अध्यक्ष विवेक कटोच ने बताया कि इस उद्योग के कारोबार में वर्ष 2019-20 से लेकर 2022-23 तक के चार वर्षों के दौरान वर्ष-दर-वर्ष औसतन 8.3 प्रतिशत की संचयी वार्षिक दर (सीएजीआर) से वृद्धि की है। आईडीएसए अध्यक्ष को विश्वास है कि भारत अनुमानों से पूर्व ही प्रत्यक्ष बिक्री में विश्व के पांच शीर्ष बाजारों में जल्द अपनी जगह बना लेगा। वर्ष 2022 में भारत का स्थान 11वां था।
रिपोर्ट के अनुसार कुल बिक्री में उत्तरी क्षेत्र ने सर्वाधिक 30 प्रतिशत का योगदान किया। पूर्वी, पश्चमी, दक्षिणी तथा पूर्वोतर क्षेत्र का योगदान क्रमश: 25, 22, 15 और नौ प्रतिशत है। राज्यों में महाराष्ट्र 12 प्रतिशत योगदान के साथ लगातार शीर्ष पर बना हुआ है जबकि उत्तर प्रदेश शानदार प्रदर्शन कर दस प्रतिशत की भागीदारी के साथ पश्चिम बंगाल के साथ दूसरा स्थान हासिल कर लिया है।
रिपोर्ट के अनुसार प्रत्यक्ष बिक्री बाजार में वेलनेस और न्यूट्रास्युटिकल उत्पाद लगातार उपभोक्ताओं के पसंदीदा बने हुये हैं। सौंदर्य प्रसाधन और व्यक्तिगत देखभाल उत्पाद इस वर्ग में दूसरे स्थान पर है। दोनों वर्गों का कुल कारोबार में क्रमश: 73.5 और 11.3 प्रतिशत योगदान रहा है। इस दौरान लगभग दो लाख और प्रत्यक्ष विक्रेता इस कारोबार से जुड़े और यह संख्या वर्ष 2021-22 के 84 लाख के मुकाबले बढ़ कर लगभग 86 लाख पहुंच गई है। इनमें ल्रगभग 63 प्रतिशत पुरुष और 37 प्रतिशत महिलाएं हैं।
आईडीएसए के अध्यक्ष कटोच ने कहा, “भारत में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग तेजी एक मजबूत बाजार के रूप में उभर रहा है जिसमें प्रगति की असीम क्षमताएं निहित हैं। इस उद्योग के लिये बनाये गये केंद्र सरकार के नियामक ढांचे के कारण नीतिगत स्पष्टता और पारदर्शता सुनिश्चत होने से यह उद्योग भविष्य में और मजबूती की ओर अग्रसर है।”
कटोच ने कहा, “मुझे यह बताते हुए भी खुशी हो रही है कि मजबूत वृद्धि दर के बलबूते भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग ने वैश्विक रैंकिंग में वर्ष 2022 में एक और पायदान का सुधार कर 11वां स्थान हासिल कर लिया है, जो 2019 में 15वां था।”
आईडीएसए के उपाध्यक्ष हरीश पंत के अनुसार रिपोर्ट यह दर्शाती है कि भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग से इस समय लगभग 86 लाख सक्रिय प्रत्यक्ष विक्रेता जुड़े हुये हैं जिनमें वर्ष 2021-22 के मुकाबले दो लाख की वृद्धि हुई है। यह प्रत्यक्ष बिक्री व्यवसाय में लोगों के बढ़ते विश्वास और आत्मविश्वास को परिलक्षित करता है।
इस अवसर पर आईडीएसए से संबद्ध कम्पनियों की प्रत्यक्ष बिक्री क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली लगभग 14 महिला उद्यमियों को भी सम्मानित किया गया।
समारोह में आईडीएसए की कोषाध्यक्ष अपराजिता सरकार, सचिव रजत बनर्जी और सदस्य कम्पनियों के वरिष्ठ प्रतिनिधि और अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे।
आईडीएसए भारत में डायरेक्ट सेलिंग उद्योग के लिए एक स्वायत्त, स्व-नियमन संस्था है जो प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग और कारोबार को बढ़ावा देने के लिये अनुकूल माहौल बनाने, इसके हितों और इससे जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार के नीति निर्धारण निकायों के बीच एक माध्यम और सेतु का काम करती है।