संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में ईरान के दूत ने इस आरोप को मजबूती से खारिज कर दिया कि तेहरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्ताव का उल्लंघन करते हुए लेबनान को उन्नत हथियार प्रणालियों की तस्करी कर रहा है। उन्होंने इजरायल की तरफ से लगाए गए आरोप को ‘निराधार और गलत’ बताया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए ने यह जानकारी दी।
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी प्रतिनिधि आमिर सईद इरावानी ने शुक्रवार को एक पत्र में आरोप को सिरे से नकार दिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और जनवरी महीने के लिए यूएनएससी के रोटेटिंग अध्यक्ष अमर बेंडजामा के नाम यह पत्र लिखा। इससे पहले इजरायल के यूएन राजदूत डैनी डैनन के एक पत्र यूएन और यूएनएससी को लिखा था। उन्होंने ईरान पर ‘यूएनएससी प्रस्ताव 1701 का घोर उल्लंघन करते हुए (हिजबुल्लाह के इस्तेमाल के लिए) लेबनान में उन्नत हथियार प्रणालियों की तस्करी करने’ का आरोप लगाया। इरावानी ने कहा कि ईरान इजरायल के ‘निराधार और गलत’ आरोपों को सिरे से खारिज करता है।
उन्होंने कहा कि यह आरोप, इजरायल की तरफ से प्रस्ताव 1701 के लगातार उल्लंघनों और हिजबुल्लाह के साथ युद्ध विराम समझौते के प्रति उसकी ‘घोर उपेक्षा’ को सही ठहराने का एक बहाना है।” यूएन में ईरानी दूत ने इस बात पर जोर दिया कि इजरायल का युद्ध विराम समझौते के मुताबिक 60 दिन की समय-सीमा के भीतर दक्षिणी लेबनान से हटने का कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने कहा कि इजरायल लेबनानी क्षेत्रों पर अपने ‘निरंतर अवैध कब्जे’ को जायज ठहराने के लिए ईरान और हिजबुल्लाह के खिलाफ ‘ऐसे निराधार’ आरोप लगा रहा है। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच पिछले वर्ष 27 नवंबर को युद्ध विराम भावी हुआ था। इरावानी ने कहा कि यूएनएससी, इजरायल को युद्ध विराम समझौते और संकल्प 1701 के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरी तरह से पूरा करने के लिए मजबूर करने पर निर्णायक रुख अपनाए।