नयी दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं लेकिन सरकार ऐसी स्थितियों में बहुत समझदारी के साथ काम करती है।
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जयशंकर ने शून्य काल में कांग्रेस के मनीष तिवारी के प्रश्न के उत्तर में कहा कि चीन के साथ लगने वाली सीमा के देप्सांग क्षेत्र में सभी गश्ती बिन्दुओं पर भारतीय सुरक्षा बल जा सकेंगे। विदेश मंत्री ने कहा कि इस संबंध में वह लोकसभा में पहले ही विस्तार से वक्तव्य दे चुकी है।
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उन्होंने भाजपा के नवीन जिंदल के प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहती है, सरकार का सदैव ऐसा ही नजरिया रहा है, लेकिन गेंद अब पाकिस्तान के पाले में है, पाकिस्तान को दिखाना होगा कि उसका व्यवहार बदला है। जयशंकर ने कहा कि बंगलादेश में अल्पसंख्यकों के साथ किये जा रहे व्यवहार को लेकर वहां की सरकार के समक्ष अपनी चिंता रख चुके हैं। हाल ही में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अपने बंगलादेश दौरे के दौरान भी यह मसला वहां के अधिकारियों के समक्ष उठाया था।
उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार विदेशों में नौकरियों के लिये जाने वाले कामगारों के हितों का ध्यान रखने के पूरे प्रयास करती है और संबंधित देशों के भारतीय दूतावासों से हर जरूरतमंद की तत्काल मदद की जाती है। विदेशों में संकट में फंसे भारतीयों को वापस लाने में पूरी तत्परता से काम किया जाता है।
विदेश मंत्री ने कहा कि कामगारों को सरकारी पोर्टल पर पंजीकृत एजेंटों के माध्यम से ही विदेशों में नौकरियों पर जाने का प्रयास करना चाहिये जिससे वे धोखे से बच सकेंगे। उन्होंने कंबोडिया, लाओस आदि देशों में धोखाधड़ी करके ले जाये गये भारतीय नागरिकों को बचा कर स्वदेश लाये जाने की भी जानकारी दी।