कोलकाता। पश्चिम बंगाल में प्रशिक्षु डॉक्टर दुष्कर्म और हत्याकांड के खिलाफ हावड़ा ब्रिज के पास मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने मंगलवार को लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
पुलिस ने एक बयान में कहा कि कथित तौर पर हिंसा भड़काने की योजना बनाने के आरोप में चार छात्रों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदर्शनकारी सचिवालय तक मार्च करने वाले थे।
गिरफ्तारी पर पुलिस का बयान भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) नेता शुभेंदु अधिकारी के उस आरोप के कुछ घंटों बाद आया है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि चार छात्र हावड़ा स्टेशन से लापता हैं, जहां उन्हें आखिरी बार राज्य सचिवालय जाते समय स्वयंसेवकों को भोजन वितरित करते देखा गया था।
बंगाल पुलिस ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर पोस्ट किया, “एक राजनीतिक नेता उन चार छात्रों के बारे में झूठी कहानी बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि छात्र कल रात से लापता हैं। सच्चाई यह है कि कोई भी लापता नहीं है।”
पुलिस ने स्पष्ट किया,“ चारों छात्र आज नबन्ना अभियान के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा की योजना बना रहे थे और हत्या की शाजिश रचने और हत्या की कोशिश में शामिल थे। उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखकर गिरफ्तार किया गया है और उनके परिवारों को सूचित किया गया है।”
इससे पहले अधिकारी ने आरोप लगाया था कि छात्र कार्यकर्ता सुभोजित घोष, पुलकेश पंडित, गौतम सेनापति और प्रीतम सरकार लापता हैं।
इस बीच, पुलिस ने हावड़ा ब्रिज पर प्रदर्शनकारियों के एक समूह पर पानी की बौछारें की, जबकि स्वयंसेवक और छात्र सतरागाछी में इकट्ठा हुए और शंख बजाकर, मोमबत्तियां जलाकर और नारे लगाते हुए बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की।
छात्रों को पश्चिम बंगाल छात्र समाज के बैनर तले राष्ट्रीय ध्वज लेकर कॉलेज स्क्वायर पर धीरे-धीरे इकट्ठा होते देखा गया।
राज्य प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं ताकि प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करने और नौ अगस्त को कोलकाता के आर जे कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पातल में प्रशिक्षु डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म के मामले में त्वरित न्याय की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के सचिवालय न पहुंच सकें।