पटना। नए साल के आगमन के साथ बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। प्रदेश के नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के शपथ ग्रहण समारोह के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन में वापस आने का खुला ऑफर दिया। लालू ने कहा कि उनके दरवाजे नीतीश कुमार के लिए खुले हैं।
लालू यादव ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा, “नीतीश कुमार अगर साथ आना चाहें तो हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं। भले ही वे भाग गए हों, लेकिन हमने उन्हें माफ कर दिया है।”
इस ऑफर पर जब मीडिया ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया, तो उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया। नीतीश ने कहा, “क्या बोल रहे हैं… छोड़िए न।” यह बयान स्पष्ट करता है कि नीतीश कुमार एनडीए गठबंधन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर स्पष्ट हैं।
मुज़फ्फरनगर में नया साल मनाकर आ रहे बाइक सवार दो युवकों की दर्दनाक मौत
जदयू सांसद और मंत्री ललन सिंह ने लालू यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “लालू जी क्या बोलते हैं, वो लालू जी ही जानें। हम एनडीए में हैं और वहीं रहेंगे।”
भाजपा नेता हरिभूषण ठाकुर ने लालू यादव पर निशाना साधते हुए कहा, “लालू जी सत्ता पाने के लिए ललचा रहे हैं, लेकिन उनका मंसूबा पूरा नहीं होगा। 2025 में एनडीए का फिर से बिहार में शासन होगा, और विपक्ष का सफाया तय है।”
बिहार में नीतीश कुमार और लालू यादव का रिश्ता राजनीति में कई बार करवटें ले चुका है। महागठबंधन के साथ मिलकर नीतीश ने 2015 में चुनाव लड़ा और बड़ी जीत हासिल की, लेकिन 2017 में उन्होंने राजद से नाता तोड़कर एनडीए का दामन थाम लिया।
लालू यादव के बयान और नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया से यह साफ है कि फिलहाल दोनों नेताओं के बीच फिर से गठबंधन की संभावना नहीं है। एनडीए ने भी स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार उनकी सरकार का अभिन्न हिस्सा हैं।