मेरठ। हस्तिनापुर सेंक्चुअरि क्षेत्र के मखदूमपुर गंगा घाट पर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ एवं वन विभाग द्वारा 150 कछुए छोड़े गए हैं। इस दौरान सीडीओ और डीएफओ ने गंगा घाट पहुंचकर कछुए गंगा नदी में छोड़े और मोटरबोट से गंगा नदी का भ्रमण किया।
प्रात: सीडीओ नूपुर गोयल व डीएफओ राजेश कुमार मखदूमपुर गंगा घाट पर पहुंचे। डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि गंगा नदी किनारे हैचरी लगाकर कछुओं के अंडों को संरक्षित किया गया। समय अनुसार जब अंडों से बच्चे निकल आए तो उन्हें सामाजिक वानिकी प्रशिक्षण केंद्र में बने अत्याधुनिक तालाब में रखा गया। जब वह गंगा नदी में तैरने की स्थिति में हुए तो उनको गंगा में छोड़ दिया गया है।
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डब्ल्यूडब्ल्यूएफ एवं वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चलाए जा रहे कछुआ संरक्षण अभियान के तहत कछुओं के बच्चों को गंगा नदी में आजाद कर दिया। सीडीओ नुपुर गोयल ने बताया कि 150 कछुओं के बच्चों को गंगा नदी में छोड़ा गया। जिसमें बाटागुर ढोंगोको, पंगशुरा स्मिथी, पंगशुरा टेंटोरिया आदि प्रजाति के कछुए शामिल हैं। सीडीओ व डीएफओ ने मोटरबोट द्वारा गंगा नदी का भ्रमण किया।
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इस दौरान कुछ विदेशी पक्षी दिखाई दिए। कछुआ संरक्षण अभियान वर्ष 2013 में प्रारंभ हुआ और अब तक लगभग 14 हजार कछुओं से अधिक का संरक्षण कर गंगा नदी में छोड़ा गया है। इसमें स्थानीय ग्रामीणों ने भी सहभागिता निभाई। इस दौरान डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के एसोसिएट डायरेक्टर अर्जित मिश्रा, एसोसिएट कोऑडिनेटर हरिमोहन मीणा, रामअवतार, सीटू, नरेंद्र, नेपाल आदि रहे।