लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने शनिवार को यहां कहा कि नई नियमावली में कई बडे़ बदलाव किए गए हैं। इसे सरल किया गया है। नई नियमावली आने से अब विधानसभा सदस्यों (विधायकों) को सुविधा रहेगी। इसमें महिला सदस्यों को सदन में अपनी बात रखने में वरीयता दी गयी है। साथ ही विशेषाधिकार के मामले में विधानसभा अध्यक्ष को भर्त्सना एवं जुर्माना देने हेतु अधिकृत किया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना आज यहां विधानभवन स्थित राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन हाल में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नियमावली बदलने का मुख्य कारण पूर्व में जिस प्रकार की आवश्यकतायें थी, उसी प्रकार की व्यवस्थाएं थीं। 65 सालों के बाद देश में बहुत परिवर्तन देखने को मिला है। नई-नई तकनीक के चलते अब कई अवसरों पर समय की बचत होती है, जिसके कारण पुराने नियमों का महत्व कम हो गया है।
महाना ने कहा कि लोकतंत्र में सहमति और असहमति दोनों होती है। द्वन्द भी रहते हैं लेकिन उसकी मर्यादा रहनी चाहिए। लोकतंत्र में एक पक्ष की बात नहीं होनी चाहिए। प्रतिपक्ष का भी अपना महत्व होता है। सरकार का अपना रोल होता है। दोनों मिलकर जिस समय चलते हैं, उस समय प्रदेश के हित की बात होती है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि संस्थानों की गरिमा एवं सम्मान बना रहना चाहिए। संवैधानिक संस्थाओं को उनकी मर्यादा और सम्मान के साथ उसकी प्रगति भी होती रहनी चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब विधायकों की रुचि विधायी कार्य में होगी तो स्वाभाविक रूप से उसका लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा। पहले यह एक विश्वास था कि विधानसभा में बात उठाने से क्या फर्क पड़ता है। अब उस धारणा में बदलाव आया है। हमने पूर्व में ही इस बात की घोषणा की थी कि जो भी समस्याएं विधानसभा में रखी जाएंगी, वे सिर्फ रजिस्टर में अंकित होकर पुस्तकालय तक सीमित नहीं रहेंगी बल्कि वे सम्बन्धित विभागों में जाएंगी। विधानसभा में लाए गए विषयों के ऊपर सरकार के द्वारा काम किया जा रहा है। इसका लाभ यह रहा कि अब विधायक सदन की कार्यवाही में बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था कि सभी विधायक यहां अपनी समस्या उठाएं। इस पर पर मुख्यमंत्री से चर्चा की थी। इसके बाद से विधानसभा में बहुत बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। उस परिवर्तन के कारण सदन में विधायकों की उपस्थिति बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि पिछले सत्र में डिजिटल गैलरी बनवाई गयी थी। इस बार डिजिटल कारीडोर पटल कार्यालय और भाजपा विधानमंडल कार्यालय में परिवर्तन किया। अब समाजवादी पार्टी समेत अन्य विधानमंडल कार्यालयों में परिवर्तन किया जाएगा। नई विधानसभा में कुछ और बदलाव जल्द देखने को मिलेंगे। विधानसभा का यह स्वरूप पूरे देश और दुनिया में लोगों को आकर्षित कर रहा है। अब उप्र विधानसभा का देश में सबसे खूबसूरत विधानसभा के रूप में नाम हो रहा है। विधानसभा के आंतरिक और बाह्य स्वरूप में परिवर्तन आया है। इसकी चर्चा अब देश भर में हो रही है।