Tuesday, November 5, 2024

राहुल के वक्तव्य पर संसद में लगातार दूसरे दिन हंगामा, कोई कामकाज नहीं

नयी दिल्ली,- भारतीय संसद के कामकाज के बारे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंदन में दिये गये बयान और अडानी समूह पर अमेरिकी फर्म की रिपोर्ट को लेकर संसद के दोनों सदनों में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार और हंगामे के कारण मंगलवार को लगातार दूसरे दिन कोई कामकाज नहीं हो सका।

राज्य सभा में सत्ता पक्ष के सदस्य कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष से उनके वक्तव्य पर माफी मांगने की मांग कर रहे थे जबकि विपक्षी सदस्य अडानी उद्योग समूह और सरकार के बीच सांठगांठ का आरोप लगाते हुए इसकी जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे।

लोकसभा में पूर्वाह्न 11 बजे अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू किया, विपक्षी सदस्य नारे लगाते और हाथों में तख्तियां लिए हुए आसन के सामने आकर हंगामा करने लगे। जवाब में सत्ता पक्ष की तरफ से भी नारेबाजी होने लगी।

अध्यक्ष ने सदस्यों से शांत रहने और सदन की मर्यादा का पालन करने का आग्रह किया। विपक्षी सदस्यों को उन्होंने तख्तियां नहीं लहराने की चेतावनी दी, लेकिन उनकी बात का सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ। हंगामा बढ़ने पर श्री बिरला ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी।

अपराह्न दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई, विपक्षी सदस्य नारे लगाते हुए हाथों में तख्तियां लेकर आसन के सामने आकर हंगामा करने लगे। इसके जवाब में सत्ता पक्ष की तरफ से भी नारेबाजी की गयी। पीठासीन अधिकारी डॉक्टर किरीट प्रेमभाई सोलंकी ने हंगामे के बीच ही ज़रूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाए।

श्री सोलंकी ने सदस्यों से अपने-अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस तरह तख्तियाँ लेकर सदन में आना शोभा नहीं देता है। पीठासीन अधिकारी के आग्रह के बावजूद हंगामा नहीं रुका, तब उन्होंने सदन को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।

राज्यसभा में भी मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच श्री गांधी के लंदन में दिये गये बयान और अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर दोनों पक्षों के सदस्यों के बीच नारेबाजी और हंगामा हुआ, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

राज्य सभा में पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, इसी मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ, जिसके कारण कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने हंगामे के बीच ही वर्ष 2022-23 के लिए अनुदान मांगों की दूसरी सूची सदन के पटल पर रखी।

सभापति जगदीप धनखड़ की अपील के बावजूद हंगामा होता रहा, तो उन्होंने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

भोजनावकाश के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की, सदन के नेता पीयूष गोयल ने यह मामला उठाते हुए कहा कि लोकसभा के एक नेता ने विदेश में संसद और देश के अन्य प्रतिष्ठानों के बारे में गंभीर टिप्पणी की है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस वक्तव्य के लिए संबंधित नेता को देश और सदन से माफी मांगनी चाहिए, कांग्रेस सहित विपक्ष के अनेक सदस्यों ने इसका विरोध किया।

कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि दूसरे सदन के सदस्य के वक्तव्य को लेकर इस सदन में चर्चा नहीं की जा सकती और उन्होंने इस बारे में विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी दिया है।

भारतीय जनता पार्टी के भूपेंद्र यादव ने कहा कि वह नेता सदन के बयान का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि संसद का आशय राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदन हैं और इससे पहले भी 1950 के दशक में एक-दूसरे सदन के सदस्य द्वारा दिए गए वक्तव्य पर इस सदन में बहस हुई थी। उन्होंने कहा कि नेता सदन की मांग जायज है और संबंधित नेता को देश के बारे में आपत्तिजनक बयान दिए जाने पर माफी मांगी चाहिए।

सभापति ने कहा कि यह एक बेहद गंभीर विषय है और उन्होंने इस बारे में सदन के नेता तथा नेता विपक्ष के साथ बातचीत की है। इसके अलावा उन्होंने सदन के कई अन्य वरिष्ठ सदस्यों के साथ भी बात की है और इस मसले पर ठोस व्यवस्था दिया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस मसले पर उन्होंने सदन में विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है।

सभापति ने कहा कि इस विषय पर निर्णय लेते समय पहले के सभी उदाहरणों को भी संज्ञान में लिया जाएगा। इसके अलावा इस तरह के मामलों में दुनिया भर में जिस तरह की व्यवस्था दी जाती है, उस पर भी ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह बेहद व्यापक मसला है, इसलिए इस पर समग्र दृष्टिकोण से सभी के विचारों को समाहित करते हुए निर्णय लिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर आज या बुधवार को अपनी व्यवस्था दे देंगे।

कांग्रेस के सदस्य गोहिल के नोटिस पर सभापति ने कहा कि इसकी विषय वस्तु अच्छी है, लेकिन उसमें तथ्यों की कमी है और उनसे इस बारे में तथ्य मांगे गए हैं।

इस बीच, जहां सत्तापक्ष के सदस्य राहुल गांधी माफी मांगे के नारे लगा रहे थे, वहीं विपक्षी सदस्य उद्योगपति गौतम अडानी की सरकार के साथ सांठगांठ को लेकर नारेबाजी कर रहे थे।

सदन में हंगामा बढ़ता देख श्री धनखड़ ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

गौरतलब है कि श्री गांधी के लंदन में लोकतंत्र और देश की संवैधानिक संस्थाओं को लेकर दिये गये बयान और अडानी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन सोमवार को भी संसद के दोनों सदनों में हंगामे के कारण कोई काम नहीं हो पाया था।

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