प्रयागराज। महाकुंभ 2025 के नौवें दिन तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम में पवित्र स्नान के लिए उमड़ पड़ी। सोमवार देर रात तक 8.81 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने घने कोहरे और कड़ाके की ठंड के बावजूद त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई। यह मेला विश्व के सबसे बड़े धार्मिक समागमों में से एक है, जो 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा।
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रविवार को गीता प्रेस गोरखपुर और अखिल भारतीय धर्मसंघ श्रीकरपात्र धाम काशी के शिविरों में लगी आग के बाद प्रशासन ने तत्काल कदम उठाते हुए सोमवार सुबह से ही पुनर्निर्माण कार्य शुरू कर दिया।
तीन जेसीबी और 15 ट्रैक्टरों की सहायता से मलबा हटाने का काम पूरा कर लिया गया। मंगलवार से 100 से अधिक मजदूर शिविर के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू करेंगे। मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि तीन दिनों के भीतर शिविर पूरी तरह तैयार हो जाएगा और श्रद्धालुओं को फिर से वहां पुनर्स्थापित कर दिया जाएगा।
गीता प्रेस के ट्रस्टी कृष्ण कुमार खेमका ने प्रशासन के सहयोग और तेजी से आग पर काबू पाने की सराहना की।
महाकुंभ में विभिन्न प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपस्थिति भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। प्रसिद्ध लेखिका और राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने महाकुंभ में अपनी खुशी व्यक्त करते हुए इसे ‘तीर्थराज’ की अद्भुत अनुभूति बताया।
उद्योगपति गौतम अडानी ने आज महाकुंभ में हिस्सा लिया। उन्होंने इस्कॉन पंडाल में भंडारे की सेवा की और बड़े हनुमान मंदिर के दर्शन किए। अडानी समूह प्रतिदिन 1 लाख श्रद्धालुओं को महाप्रसाद वितरित कर रहा है और गीता प्रेस के साथ मिलकर 1 करोड़ आरती संग्रह का वितरण कर रहा है।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। 10,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी, जिसमें स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बल शामिल हैं, तैनात किए गए हैं। संगम पर एनडीआरएफ की जल एम्बुलेंस भी उपलब्ध है।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण स्नान तिथियां निर्धारित हैं 29 जनवरी: मौनी अमावस्या (दूसरा शाही स्नान) 3 फरवरी: वसंत पंचमी (तीसरा शाही स्नान) 12 फरवरी: माघी पूर्णिमा 26 फरवरी: महा शिवरात्रि महाकुंभ में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ देश की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार ला सकता है। इसे पारित होने पर भारत दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 8.81 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। श्रद्धालुओं का उत्साह महाकुंभ की पवित्रता और आध्यात्मिक ऊर्जा को दर्शाता है। प्रशासन और संगठनों के सहयोग से यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक और सफल हो रहा है।