प्रयागराज। आस्था और विश्वास के महापर्व महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। बुधवार को 39वें दिन भी संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। अब तक महाकुंभ में 56 करोड़ से अधिक लोग पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। स्नान के दौरान श्रद्धालुओं ने पुण्य अर्जित करने के साथ देश-प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की कामना भी की।
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संगम तट पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब
प्रयागराज के संगम तट पर आस्था का महासंगम देखने को मिल रहा है। दूर-दूर से आए श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि महाकुंभ में स्नान मात्र से जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।
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महाकुंभ क्षेत्र में जगह-जगह अखाड़ों और संतों के शिविर लगे हुए हैं। संत-महात्मा प्रवचन कर रहे हैं और सनातन धर्म के महत्व को समझा रहे हैं। संतों का कहना है कि महाकुंभ केवल स्नान का पर्व नहीं, बल्कि यह सनातन संस्कृति की जीवंत धरोहर है।