Tuesday, June 25, 2024

मेरठ में वन निगम का अधिकारी 77 हजार की रिश्वत लेगा रंगे हाथों पकड़ा, मांगता था 20 प्रतिशत कमीशन

मेरठ- मेरठ में शनिवार को एंटी करप्शन टीम ने वन विभाग के एलडीएम को 77 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया है। एंटी करप्शन टीम उसे गिरफ्तार करके थाने ले आयी। एलडीएम ने एक ठेकेदार से रिश्वत मांगी थी।

किठौर निवासी ठेकेदार जब्बार के अनुसार, वह वन निगम में ढुलान, कटान का ठेका लेता है। जब्बार ने आरोप लगाया कि शताब्दीनगर स्थित वन विभाग का प्रभागीय लॉगिंग प्रबंधक (डीएलएम) नरेंद्र कुमार पाल और अकाउंटेंट अनिल दोनों मिलकर ठेकेदारों के बिल पास करने पर कमीशन मांगते हैं। हर बिल पर 20 प्रतिशत कमीशन तय किया है। जो कमीशन नहीं देता तो उसके बिल पास नहीं करते थे। ठेकेदार ने गढ़-मेरठ नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण पर काम किया था। साढ़े चार महीने बीतने के बाद भी उसके बिल पास नहीं हुए। इस बीच उसने कई बार डीएलएम से बात करके पेमेंट करने की गुहार लगाई, लेकिन भुगतान नहीं हुआ।

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ठेकेदार ने बताया कि उसके लगभग तीन लाख 70 हजार रुपये के बिल बने हुए हैं। डीएलएम ने उसे पास करने के लिए 77 हजार रुपये कमीशन बताया। इसमें 20 हजार रुपये अकाउंटेंट अनिल को देना था। बाकी पैसा डीएलएम को देना था। दोनों लोग बार-बार फोन करके कमीशन की मांग कर रहे थे। डीएलएम ने अपना कमीशन एडवांस में मांगा। ठेकेदार ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन विभाग में की। जिस पर शनिवार को एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाया और जब्बार को पैसे लेकर भेजा। जैसे ही ठेकेदार ने डीएलएम को कमीशन के 77 हजार रुपये दिए तो टीम ने उसे दबोच लिया। एंटी करप्शन टीम आरोपित डीएलएम को लेकर परतापुर थाने पहुंची और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। एंटी करप्शन विभाग की टीम आरोपित से थाने में पूछताछ में जुटी है।

आरोपित शताब्दीनगर स्थित वन निगम कार्यालय में प्रभागीय लॉगिंग प्रबंधक पद पर दो साल से तैनात है। एंटी करप्शन टीम ने सीओ दीपक त्यागी के नेतृत्व में यह कार्रवाई की। विजिलेंस की टीम डीएलएम को पकड़कर थाने ले आई। साथ ही डीएलएम व फरियादी ठेकेदार के मोबाइल लेकर उनकी कॉल डिटेल निकाली। वन निगम के ठेकेदार जब्बार ने बताया कि जिस समय वह नरेंद्र कुमार को रिश्वत दे रहा था, उस समय उसने वन निगम के लेखाकार अनिल कुमार को 20 हजार रुपये देने की भी बात कॉल रिकॉर्डिंग सुनने के बाद की थी। लेकिन तभी टीम ने उन्हें पकड़ लिया। बताया गया कि टीम में प्रशासनिक अधिकारी व विजिलेंस टीम के अधिकारी शामिल थे।

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