Sunday, May 12, 2024

‘हर घर तिरंगा’ में बना रिकॉर्ड, मेरी माटी, मेरा देश’ भी होगा सफल: मोदी

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नयी दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इस बार 15 अगस्त पर घर-घर तिरंगा अभियान में नया रिकॉर्ड बनाया है और पिछले साल की तुलना में दोगुना 10 करोड़ सेल्फीज़ सोशल मीडिया पर पोस्ट हुई हुई है।

श्री मोदी ने रविवार को अपने मासिक ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 104वीं कड़ी के प्रसारण के दौरान कहा , “इस बार 15 अगस्त के दौरान देश ने ‘सबका प्रयास’ का सामर्थ्य देखा। सभी देशवासियों के प्रयास ने ‘हर घर तिरंगा अभियान’ को वास्तव में ‘हर मन तिरंगा अभियान’ बना दिया। अभियान के दौरान कई रिकॉर्ड भी बने। देशवासियों ने करोड़ों की संख्या में तिरंगे खरीदे। डेढ़ लाख पोस्ट आफिस के जरिए करीब डेढ़ करोड़ तिरंगे बेचे गए। इससे हमारे कामगारों की, बुनकरों की, और खासकर महिलाओं की सैकड़ों करोड़ रुपए की आय भी हुई है। तिरंगे के साथ सेल्फीज़ पोस्ट करने में भी इस बार देशवासियों ने रिकॉर्ड बना दिया।”

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उन्होंने कहा कि पिछले साल 15 अगस्त तक करीब पांच करोड़ देशवासियों ने तिरंगे के साथ सेल्फीजपोड की थी। इस साल ये संख्या 10 करोड़ को भी पार कर गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा “इस समय देश में ‘मेरी माटी, मेरा देश’ देशभक्ति की भावना को उजागर करने वाला अभियान जोरों पर है। सितंबर के महीने में देश के गाँव-गाँव में, हर घर से मिट्टी जमा करने का अभियान चलेगा। देश की पवित्र मिट्टी हजारों अमृत कलश में जमा की जाएगी। अक्टूबर के अंत में हजारों अमृत कलश यात्रा के साथ देश की राजधानी दिल्ली पहुँचेंगे। इस मिट्टी से ही दिल्ली में अमृत वाटिका का निर्माण होगा। मुझे विश्वास है, हर देशवासी का प्रयास, इस अभियान को भी सफल बनाएगा।”

पीएम ने कहा है कि अब रक्षाबंधन जैसे त्योहार आ रहे हैं इसलिए इन त्योहारों के दौरान ‘वोकल फ़ॉर लोकल’ पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा , “अब त्योहारों का मौसम भी आ ही गया है। आप सभी को रक्षाबंधन की भी अग्रिम शुभकामनाएं। पर्व-उल्लास के समय हमें वोकल फ़ॉर लोकल’ के मंत्र को भी याद रखना है।”

प्रधानमंत्री ने कहा “आत्मनिर्भर भारत अभियान हर देशवासी का अपना अभियान है और जब त्योहार का माहौल है तो हमें अपनी आस्था के स्थलों और उसके आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ तो रखना ही है। अगली बार आपसे फिर ‘मन की बात’ होगी, कुछ नए विषयों के साथ मिलेंगें कुछ नए प्रयासों की सफलता की जी-भर करके चर्चा करेंगे।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जी-20 लीडर्स सम्मिट के लिए भारत पूरी तरह तैयार है और सितम्बर का महीना देश के सामर्थ्य का साक्षी बनने जा रहा है।

मोदी ने रविवार को आकाशवाणी से प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 104वीं कड़ी में कहा कि सितम्बर का महीना भारत के सामर्थ्य का साक्षी बनने जा रहा है। अगले महीने होने जा रही जी 20 लीडर्स सम्मिट के लिए भारत पूरी तरहसे तैयार है। इस आयोजन में भाग लेने के लिए 40 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और अनेक वैश्विक संगठन राजधानी दिल्ली आ रहे हैं। जी 20 सम्मिट के इतिहास में यह अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी होगी। अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत ने जी 20 को और ज्यादा समावेशी फ़ोरम बनाया है। भारत के निमंत्रण पर ही अफ़्रीकी संघ भी जी 20 से जुड़ी और अफ्रीका के लोगों की आवाज दुनिया के इस अहम प्लेटफार्म तक पहुंची।

उन्होंने कहा , “पिछले साल बाली में भारत को जी 20 की अध्यक्षता मिलने के बाद से अब तक इतना कुछ हुआ है, जो हमें गर्व से भर देता है। दिल्ली में बड़े-बड़े कार्यक्रमों की परंपरा से हटकर, हम इसे देश के अलग-अलग शहरों में ले गए। देश के 60 शहरों में इससे जुड़ी करीब-करीब 200 बैठकों का आयोजन किया गया। जी 20 डेलीगेट्स जहां भी गए, वहां लोगों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। यह डेलीगेट्स हमारे देश की विविधता देखकर, हमारी वाइब्रेंट लोकतंत्र देखकर, बहुत ही प्रभावित हुए। उन्हें ये भी एहसास हुआ कि भारत में कितनी सारी संभावनाएं हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा “डेलीगेट्स की हमारी अध्यक्षता, पीपुल्स प्रेसीडेंसी है जिसमें जनभागीदारी की भावना सबसे आगे है। जी 20 के जो ग्यारह इंगेजमेंट्स समूह थे, उनमें अकादमिक, सिविल सोसाइटी, युवा, महिलाएं, हमारे सांसद, आंतर्पिनोर और शहरी प्रशासन से जुड़े लोगों ने अहम भूमिका निभाई। इसे लेकर देशभर में जो आयोजन हो रहे हैं, उनसे, किसी न किसी रूप से डेढ़ करोड़ से अधिक लोग जुड़े हैं। जनभागीदारी की हमारी इस कोशिश में एक ही नहीं, बल्कि दो-दो विश्व रिकॉर्ड भी बन गए हैं| वाराणसी में हुई जी 20 क्विज़ में 800 स्कूलों के सवा लाख स्छात्रोंकी भागीदारी एक नया विश्व रिकॉर्ड बन गया। वहीं, लंबानी कारीगरों ने भी कमाल कर दिया। करीब 450 कारीगरों ने करीब 1800 अनोखा पैचेज का आश्चर्यजनक कलेक्शन बनाकर, अपने हुनर का परिचय दिया है।”

उन्होंने कहा “जी 20 में आए हर प्रतिनिधि हमारे देश की कला की विविधता को देखकर भी बहुत हैरान हुए। ऐसा ही एक शानदार कार्यक्रम सूरत में आयोजित किया गया। वहां हुए ‘साड़ी वालक्थोन ’ में 15 राज्यों की 15,000 महिलाओं ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम से सूरत की कपड़ा उद्योग को तो बढ़ावा मिला ही, ‘वोकल फॉर लोकल’ को भी बल मिला और लोकल के लिए ग्लोबल होने का रास्ता भी बना।”

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