Sunday, May 19, 2024

नए क्रिमिनल लॉ बिल राज्यसभा से पारित, अमित शाह बोले – ‘तारीख पर तारीख का जमाना चला जाएगा…’

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

नई दिल्ली। राज्यसभा ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय न्याय संहिता व भारतीय साक्ष्य विधेयक पारित कर दिया है। गुरुवार को यह बिल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा के समक्ष रखे थे, जिसे ध्वनि मत से पारित किया गया।

नया कानून बनने पर धारा 375 और 376 की जगह बलात्कार की धारा 63 होगी। सामूहिक बलात्कार की धारा 70 होगी, हत्या के लिए धारा 302 की जगह धारा 101 होगी। यह तीनों बिल लोकसभा द्वारा पहले ही पारित किए जा चुके हैं। अब, राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी के बाद ये बिल कानून बन जाएंगे। बिल पारित होने के उपरांत राज्यसभा भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा, “आज मैं जो बिल राज्यसभा में लेकर आया हूं, उनका उद्देश्य दंड देने का नहीं है, इसका उद्देश्य न्याय देना है। इन विधेयकों की आत्मा भारतीय है। व्यास, बृहस्पति, कात्यान, चाणक्य, वात्स्यायन, देवनाथ ठाकुर, जयंत भट्ट, रघुनाथ शिरोमणि अनेक लोगों ने जो न्याय का सिद्धांत दिया है, उसे इसमें कॉन्सेप्टुलाइज़ किया गया है।”

गृहमंत्री ने बताया कि देश के 97 फ़ीसदी थानों का डिजिटलाइजेशन हो चुका है। 82 प्रतिशत पुलिस स्टेशनों का रिकॉर्ड डिजिटल हो गया है। एफआईआर से लेकर जजमेंट तक पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी। जीरो एफआईआर व ई-एफआईआर होगी। देशभर के सारे सीसीटीवी कैमरा चाहे वे कहीं भी लगे हों, सिस्टम के साथ इंटीग्रेटेड हो जाएंगे।

गृह मंत्री ने कहा कि स्वराज मतलब स्वधर्म को आगे बढ़ाना है, स्व भाषा को जो आगे बढ़ाए, वह स्वराज है। जो स्व संस्कृति को आगे बढ़ाए वह स्वराज है। स्व शासन को जो प्रस्थापित करें, वह स्वराज है। गृह मंत्री ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि गांधी जी ने शासन परिवर्तन की लड़ाई नहीं लड़ी, उन्होंने स्वराज की लड़ाई लड़ी थी। मैं इस सदन को आश्वासन देता हूं कि यह कानून लागू होने के उपरांत तारीख पर तारीख का जमाना चला जाएगा। 3 साल में किसी भी पीड़ित को न्याय मिल जाए, ऐसी न्याय प्रणाली इस देश के अंदर प्रतिस्थापित होगी।

उन्होंने कहा कि आज मौजूद सारी तकनीक से लेकर आने वाले सौ वर्षों की तकनीक, सभी को सिर्फ नियमों में परिवर्तन करके समाहित किया जा सकेगा, इस बिल में इतनी दूरदर्शिता रखी गई है। चार दशक तक आतंकवाद का दंश झेलने के बावजूद देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में आतंकवाद की परिभाषा तक नहीं थी, अब इसमें आतंकवाद की परिभाषा को शामिल किया गया है। राजद्रोह कानून के अंग्रेजी कॉन्सेप्ट को समाप्त कर दिया गया है। सरकार के खिलाफ कोई भी बोल सकता है, लेकिन देश के खिलाफ अब नहीं बोल सकते हैं। देश के खिलाफ बोलने या कार्रवाई करने पर सजा का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि नया कानून लागू होने से जल्दी न्याय मिलेगा। गरीब आदमी के लिए न्याय महंगा नहीं होगा। नागरिक सुरक्षा संहिता में 9 नए सेक्शन और 39 नए सब सेक्शन जुड़े हैं, 44 नई व्याख्याएं और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं। 14 धाराओं को निरस्त किया गया है। भारतीय न्याय संहिता में 21 नए अपराधों को जोड़ा गया है, जिसमें एक नया अपराध माॅब लिंचिंग का है।

उन्होंने कहा, “विपक्ष हम पर आरोप लगाते थे कि आप माॅब लिंचिंग पर प्रोटेक्ट करते हो। आपने तो कभी कानून बनाया नहीं, पर हमने कानून बना दिया। मानव वध से बड़ा कोई गुनाह नहीं हो सकता। 41 अपराधों में सजा को बढ़ाया गया है। 82 अपराधों में जुर्माना बढ़ाया गया है। 25 अपराधों में न्यूनतम सजा की शुरुआत की है। 6 अपराधों में सामूहिक सेवा को दंड के रूप में स्वीकार किया गया है और 19 धाराओं को निरस्त किया गया है।”

इसी तरह भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अंतर्गत 170 धाराएं होंगी, 24 धाराओं में बदलाव किया है। नई धाराएं और उपाधाराएं जोड़ी गई हैं।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,188FansLike
5,319FollowersFollow
50,181SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय