जम्मू। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने डोडा जिले में सोमवार शाम सुरक्षाबलों पर आतंकवादी हमले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। इस हमले में एक अधिकारी सहित सेना के चार जवान और एक स्थानीय पुलिसकर्मी शहीद हो गया था। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले एक साल से जम्मू में आतंकी गतिविधियां बढ़ी हैं। शायद ही जम्मू का कोई ऐसा इलाका है, जो आतंकी गतिविधियों से बचा है। पीर पंजाल में लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं।
रियासी, सांबा, कठुआ में भी हमले हो रहे हैं। अगर हमारी सूचना सही है तो पिछले एक साल में हमारे सुरक्षा बलों के 55 लोग मारे गए हैं। हर हमले के बाद केंद्र सरकार कहती है कि आतंकवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है, लेकिन हमें आतंकवाद का खात्मा होता नजर नहीं आ रहा है। सरकार यह नहीं बताती है कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए क्या उपाय किए गए हैं। ऐसे हमलों के बाद किसी न किसी की जिम्मेदारी जरूर बनती है।
सरकार को अपनी जिम्मेदारी स्वीकारनी होगी।उन्होंने जम्मू-कश्मीर के डीजी के बारे में कहा कि उन्होंने सियासत में कदम रख दिए हैं। बेहतर यह होता कि सियासत का काम नेताओं को करने देते। उनका काम यहां के हालातों को बेहतर बनाना, आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करना है। डीजी का काम आतंकवादियों के खिलाफ लड़ना है, इसलिए उनको अपना काम करना चाहिए और हमको अपना काम करने दें।
उमर अब्दुल्ला ने मुहर्रम के जुलूस में लोगों की गिरफ्तारी पर कहा कि पुलिस को इस तरह की कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। किसी और धर्म के लोगों को निशाना नहीं बनाया जाता है, केवल मुस्लिमों को निशाना बनाना इतना आसान क्यों लगता है? उमर अब्दुल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में जल्द से जल्द चुनाव होंगे जल्द से जल्द जम्मू कश्मीर को रियासत का दर्जा दिया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर को चुनाव से पहले ही राज्य का दर्जा देकर लोगों के हाथों में हुकुमत दे दी जाए। यहां केंद्र शासित प्रदेश लागू करने का फैसला पूरी तरह विफल हो गया है। इसलिए हम चाहेंगे यहां जल्द से जल्द चुनाव कराएं और राज्य का दर्जा वापस दिलाएं।