पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने ‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और मीसा भारती को अदालत से जमानत मिल जाने के बाद राजद कार्यकर्ताओं द्वारा मिठाई बांटे जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ जमानत मिली है, दोषमुक्त या बरी नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद की बीमारी और दो आरोपियों के महिला होने पर नरम रुख अपनाते हुए 50 हजार के मुचलके पर जमानत दी गई है। यह राहत कोई न्यायिक जीत नहीं है, जिसका जश्न मनाकर भ्रम फैलाया जा रहा है।
मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद चारा घोटाले में गिरफ्तारी के बाद जब पहली बार जमानत पर छूटे थे, तब हाथी पर सवार होकर लौटे थे। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या इससे न्याय प्रक्रिया पर कोई फर्क पड़ा? वे चारा घोटाला के एक भी मामले में बरी क्यों नहीं हुए? उन्हें सजा काटनी ही पड़ी।
भाजपा नेता ने कहा कि नीतीश कुमार और ललन सिंह ने नौकरी के बदले जमीन मामले में सीबीआई को इतने पुख्ता सबूत उपलब्ध कराए हैं कि दोषी लोगों को देर-सबेर सजा होनी तय है। मोदी ने कहा कि अभियोग पत्र दायर होने के साथ जब ट्रायल शुरू होगा, तब उन्हें अपने गुनाह से जुड़े कठिन सवालों का जवाब देना ही पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि कोर्ट में लालू प्रसाद को बताना होगा कि रेलवे के चपरासी हृदयानंद चौधरी ने अपनी कीमती जमीन उनके परिवार को गिफ्ट क्यों की? नौकरी और गिफ्ट के बीच क्या कोई संबंध नहीं था?
मोदी ने कहा कि लालू परिवार से जो सवाल अदालत में पूछे जाएंगे, वही सवाल उनसे बिहार की जनता भी पूछेगी। लड्डू बांटने से सवाल खत्म नहीं हो जाएंगे।