नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीते पांच वर्षों में कृषि बजट का एक लाख करोड़ रुपये केन्द्र सरकार ने खर्च ही नहीं किया गया जबकि इस राशि से किसानों के हित में अनेक कार्य किए जा सकते थे।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेन्द्र हुड्डा ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एक स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि मोदी सरकार ने 5 साल में कृषि बजट का एक लाख करोड़ रुपये से अधिक सरेंडर कर दिया है। यह पैसा किसानों के हित में खर्च ही नहीं किया गया। इस राशि को सिर्फ कागजों में दिखाया गया जबकि कांग्रेस सरकार में किसानों के 72 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया था।
हुड्डा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में वर्ष 2014-2022 तक एक लाख से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली। क्या इन पैसों से किसानों को राहत देकर उनकी जान नहीं बचाई जा सकती थी? उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में जितना कृषि बजट दिखाया जा रहा है, वो छल है- क्योंकि खर्च नहीं किया जा रहा है। इसके साथ ही देश के ओवरआल बजट के मुकाबले कृषि बजट में हर साल गिरावट हो रही है।
हुड्डा ने कहा कि वर्ष 2013-14 के मुकाबले किसानों पर 2018-19 में 60 फीसदी ज्यादा कर्ज था। इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को भी पूरा किया जा सकता था, जिसे लेकर किसानों ने आंदोलन भी किया था। देश के 80 फीसदी किसानों को गेंहू और 76 फीसदी किसानों को धान पर एमएसपी नहीं मिलती है। इसके मुकाबले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार में गेहूं पर एमएसपी 119 फीसदी बढ़ाई गई थी।