इस्लामाबाद। पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने आज नेशनल असेंबली में सफाई दी कि विवादास्पद ‘संवैधानिक संशोधन पैकेज’ अभी तक संघीय कैबिनेट के सामने पेश नहीं किया गया है। यह पैकेज संविधान में संशोधनों का एक मसौदा है। इसमें से एक का लक्ष्य पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) का कार्यकाल तीन साल तय करना है।
डॉन अखबार की खबर के अनुसार पहले इसे आज नेशनल असेंबली और सीनेट में पेश किए जाने की उम्मीद थी, क्योंकि सरकार आवश्यक समर्थन जुटाने के व्यस्त प्रयासों के बावजूद पहले से निर्धारित सप्ताहांत में इसे पेश करने में विफल रही। निचले सदन के पटल पर तरार ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन अभी तक संघीय कैबिनेट के समक्ष एक मसौदे के रूप में प्रस्तुत नहीं किए गए और न ही विधायी मामलों के निपटान के लिए कैबिनेट समिति में।
प्रक्रिया के अनुसार संवैधानिक संशोधन को पहले संघीय कैबिनेट की मंजूरी जरूरी होती है। रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार सीनेट का सत्र आज दोपहर 12:30 बजे शुरू हुआ। बाद में इसे स्थगित कर दिया गया। नेशनल असेंबली का सत्र दोपहर करीब एक बजे शुरू हुआ।