Monday, December 23, 2024

कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को आवंटित प्लॉट निरस्त, 10 अफसरों पर भी होगी कार्रवाई

फतेहपुर। फतेहपुर में MSME मंत्री राकेश सचान को आवंटित 72 भूखंड निरस्त कर दिए गए हैं। इसके साथ ही फतेहपुर उद्योग विभाग के तत्कालीन 10 अफसरों पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। फतेहपुर के लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह की शिकायत के बाद यह कार्रवाई हुई।

दरअसल, प्रारंभिक जांच में इन अफसरों की भूमिका संदिग्ध मिली है। मंत्री राकेश सचान ने 11 साल पहले 72 प्लॉट उद्योग लगाने के लिए आवंटित कराए थे। मगर, इस भूमि पर आज तक उद्योग नहीं लगे हैं। इन 72 भूखंडों में अभिनव सेवा संस्थान के नाम 40 और सीमा शिक्षा संस्थान के नाम पर 32 भूखंडों को आवंटित किया गया था। इन दोनों संस्थानों के मैनेजर राकेश सचान ही हैं।

दरअसल, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष सतेंद्र सिंह ने डायरेक्टर कानपुर उद्योग को पत्र लिखकर बताया कि फतेहपुर में 8 इंडस्ट्रियल एरिया हैं। इनमें से एक चकहाता मिनी औद्योगिक क्षेत्र में कुल 32 भूखंड और औद्योगिक क्षेत्र सुधवापुर में 40 भूखंड राकेश सचान के नाम से आवंटित मिले हैं। आगे जांच-पड़ताल कराई गई, तो यह बात सही पाई गई।

जिस समय इन भूखंडों का आवंटन हुआ, उस समय राकेश सचान फतेहपुर से सपा सांसद थे। आरोप है कि सांसद रहते हुए राकेश सचान ने आवंटन की निर्धारित 10% फीस भी नहीं जमा की। हालांकि विवादों में घिरते ही मामले पर MSME मंत्री राकेश सचान ने कहा था अपने नाम दर्ज औद्योगिक प्लॉट कैंसल करवाएंगे।

मामले की शुरुआत साल 2012 से होती है। उस दौर में राकेश सचान फतेहपुर से सपा के सांसद थे। राकेश सचान ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने उद्योग विभाग की मीटिंग में स्कूल खोलने के लिए भूखंड आवंटित कराए थे। क्योंकि, उस समय जमीन खाली थी और उद्योग लगाने के लिए कोई नहीं आ रहा था।

उधर, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष सतेंद्र सिंह ने पत्र में लिखा था, “फतेहपुर के चकहाता मिनी औद्योगिक क्षेत्र में कुल 36 भूखंड हैं। जहां स्थापित उद्योग का नाम प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान बताया गया है। इनमें 32 भूखंड (एक नंबर से 17 तक) और (22 से 36 तक) एक ही व्यक्ति राकेश सचान के नाम हैं।

इसी तरह मिनी औद्योगिक आस्थान सुधवापुर के 45 भूखंड में 40 भूखंड (1 से 40 तक) एक ही व्यक्ति राकेश सचान के नाम हैं। जबकि मौके पर यहां भी कोई उद्योग लगा नहीं मिला है। कुछ भूखंडों पर मौरंग डंप की गई है। जबकि चकहाता में कुछ भूखंडों पर अस्थायी गौशाला बनी मिली है। इनमें से अभिनव शिक्षा संस्थान के नाम से औद्योगिक अस्थाना सुधवापुर में 40 भूखंड और सीमा शिक्षा संस्थान के नाम से औद्योगिक अस्थाना चकहाता में 32 भूखंड आवंटित मिले हैं।”

मंत्री राकेश सचान बोले- जबरन आवंटित की गई थी जमीन

जमीन आवंटन को लेकर घिरे मंत्री राकेश सचान शुक्रवार को फतेहपुर पहुंचे थे। यहां उन्होंने इस मामले को लेकर सफाई दी थी। इसी दौरान एक सवाल पर वह भड़क गए थे। तब उन्होंने कहा था, “मैं जमीन लेकर भाग नहीं गया। विभाग ने जबरन आवंटित की थी। फ्री में आवंटित नहीं किया गया था। लोग अभी भी वहां पर जमीन नहीं ले रहे हैं। भूखंड खाली पड़े हैं।”

उन्होंने कहा था, “डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनी है। हम तो पूरी जमीन वापस करने को तैयार हैं। हम लेकर नहीं जा रहे हैं। जमीन जैसी थी, उसी तरह है। डीएम को निर्देश दिया गया है कि भूखंड को खाली कराकर स्टीमेट बनवाकर नाली, सड़क और बिजली लगवा कर उसको आवंटित कर दें।”

बताया जा रहा है कि प्रदेश के उद्योग मंत्री के नाम पर आवंटित मिले 72 भूखंडों को लेकर विपक्षी भाजपा सरकार पर हमलावर हो सकते हैं। चूंकि राकेश सचान खुद उद्योग मंत्री हैं और उद्योग लगाने के लिए ही जिले में जमीन की मारामारी मची है।

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